बहराइच में किसान दिवस: डीएम ने स्वीट कॉर्न और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर दिया ज़ोर
डीएम मोनिका रानी की अध्यक्षता में किसान दिवस आयोजित, कृषकों की समस्याओं के त्वरित समाधान और मक्के के लिए क्रय केंद्र खोलने के निर्देश
- बहराइच में किसान दिवस: डीएम ने स्वीट कॉर्न और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर दिया ज़ोर
- डीएम मोनिका रानी की अध्यक्षता में किसान दिवस आयोजित, कृषकों की समस्याओं के त्वरित समाधान और मक्के के लिए क्रय केंद्र खोलने के निर्देश
अभिषेक शुक्ला : बहराइच। किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता पर हल करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से विकास भवन सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में न सिर्फ खरीफ फसलों की बोआई को लेकर मार्गदर्शन दिया गया, बल्कि किसानों के सुझावों पर भी गंभीरता से विचार किया गया।

जिलाधिकारी मोनिका रानी ने किसानों से अपील की कि वे पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सब्जियों और स्वीट कॉर्न मक्का की भी खेती करें जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो सके। उन्होंने बताया कि जिले में मक्का का उत्पादन अधिक होता है, जिसे चीनी मिलों की डिस्टलरी में स्थानीय स्तर पर उपयोग में लाया जा सकता है।
डीएम ने खाद्य एवं विपणन अधिकारी को निर्देशित किया कि मक्का की अधिकता को देखते हुए रबी में भी क्रय केंद्र स्थापित करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जाए, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। साथ ही, अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि किसानों की शिकायतों का गुणवत्ता के साथ समय पर निस्तारण किया जाए, लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई तय है।
डीएम ने एनआरएलएम को आर-सेटी के माध्यम से महिलाओं को अगरबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने लीड बैंक प्रबंधक को जिले की सभी शाखाओं से किसानों को केसीसी (KCC) देने हेतु सख्ती से निर्देशित करने को कहा।
प्राकृतिक खेती और तकनीकी जानकारी पर जोर
उप निदेशक कृषि विनय कुमार वर्मा ने रसायन मुक्त खेती के फायदे गिनाते हुए लाइट ट्रैप का डेमो दिया और बताया कि जिले की मिट्टी में कार्बनिक तत्वों की भारी कमी है। उन्होंने किसानों से फार्मर रजिस्ट्रेशन कराने और प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की।

किसानों की भागीदारी और सुझाव
बैठक में कई किसानों ने अपनी समस्याएं और सुझाव रखे। मुन्ना लाल वर्मा ने प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण का जिक्र किया जबकि दिनेश चंद्र वर्मा और लालता प्रसाद गुप्ता ने रसायन मुक्त खेती और रबी फसलों को फसल बीमा योजना में शामिल करने की बात कही।