गेरूवा नदी बनी घड़ियाल प्रजाति संरक्षण की गवाह, वन मंत्री ने की शुरुआत

नदी में छोड़े गए घड़ियाल के बच्चे, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ की अपील के साथ दिया पर्यावरण संदेश

  • गेरूवा नदी बनी घड़ियाल प्रजाति संरक्षण की गवाह, वन मंत्री ने की शुरुआत
  • नदी में छोड़े गए घड़ियाल के बच्चे, ‘एक पेड़ माँ के नाम’ की अपील के साथ दिया पर्यावरण संदेश

अजय पाठक : बहराइच। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बहराइच जिले का कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार एक नया इतिहास बन गया है। गेरूवा नदी की स्वच्छ धारा आज घड़ियाल प्रजाति संरक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की साक्षी बनी। इस अवसर पर भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने घड़ियाल के एक वर्षीय बच्चों को नदी में छोड़कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

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Garuva river became witness to crocodile species conservation, Forest Minister started
फोटो: कतर्नियाघाट में नौका विहार करते मंत्री भूपेंद्र यादव

वन मंत्री ने कहा कि वन और वन्यजीव भारत की प्राकृतिक विरासत हैं। इनके संरक्षण से ही पर्यावरण संतुलन बना रह सकता है। उन्होंने बताया कि घड़ियाल प्रजाति को बचाने के लिए देशभर में प्रयास हो रहे हैं और गेरूवा नदी जैसे प्राकृतिक आवास उनके लिए सर्वोत्तम स्थान हैं।

उन्होंने बताया कि गेरूवा नदी में छोड़े गए घड़ियाल भविष्य में इस क्षेत्र में जैव विविधता को और समृद्ध करेंगे। साथ ही उन्होंने ‘वन्यजीव संरक्षण में जनभागीदारी’ की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

उनके साथ उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री के.पी. मलिक, सांसद डॉ. आनंद गौड़, भारत सरकार और राज्य सरकार के कई वरिष्ठ वन अधिकारी मौजूद रहे।

‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की अपील

Garuva river became witness to crocodile species conservation, Forest Minister startedश्री यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकटों से निपटने का सबसे सरल तरीका अधिक से अधिक वृक्षारोपण है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने माता-पिता के नाम पर एक-एक पेड़ अवश्य लगाएं, जिससे अगली पीढ़ी को स्वच्छ हवा और जीवन मिल सके।

उन्होंने कतर्नियाघाट को “प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग” बताते हुए इसका अनुभव अविस्मरणीय बताया और इसके विकास के लिए मुख्यमंत्री से विशेष बात करने की भी बात कही।

वन विभाग के सुझावों से बनेगी नई कार्ययोजना

Garuva river became witness to crocodile species conservation, Forest Minister startedवन मंत्री ने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व भ्रमण के दौरान उन्हें कई जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और ग्रामीणों से 25-30 सुझाव प्राप्त हुए हैं। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए नई संरक्षण कार्ययोजना बनाई जाएगी, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी लाई जा सके।

अधिकारियों से संवाद और संसाधन वितरण

Garuva river became witness to crocodile species conservation, Forest Minister startedकार्यक्रम में मंत्री श्री यादव ने इंटरप्रिटेशन सेंटर का भी दौरा किया और स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के जवानों से संवाद किया। उन्हें गश्त के लिए आवश्यक किट का वितरण भी किया गया।

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