“बिहार का गौरव: रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार को लंदन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सम्मान”
ब्रिटिश पार्लियामेंट में अगस्त के पहले सप्ताह प्रस्तावित समारोह, मधुरेंद्र पहले भारतीय सैंड आर्टिस्ट जो इस सूची में शुमार
- “बिहार का गौरव: रेत कलाकार मधुरेंद्र कुमार को लंदन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सम्मान”
- ब्रिटिश पार्लियामेंट में अगस्त के पहले सप्ताह प्रस्तावित समारोह, मधुरेंद्र पहले भारतीय सैंड आर्टिस्ट जो इस सूची में शुमार
रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर के 31‑साल के युवा रेत शिल्पकार मधुरेंद्र कुमार ने एक बार फिर बिहार का सिर ऊँचा कर दिया है। लंदन‑स्थित World Book of Records ने उनकी कला‑यात्रा और समाजोपयोगी रेत शिल्प को मान्यता देते हुए उन्हें ब्रिटिश पार्लियामेंट में सम्मानित करने का फैसला लिया है। शुक्रवार, 27 जून 2025 को ई‑मेल से मिले चयन‑पत्र के बाद पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गई। कलाप्रेमियों का मानना है कि यह उपलब्धि भारतीय सैंड आर्ट को वैश्विक नक्शे पर और मजबूत करेगी।
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लंदन से आया आमंत्रण

World Book of Records की अंतरराष्ट्रीय टीम ने मधुरेंद्र को ई‑मेल के ज़रिये औपचारिक चयन‑पत्र भेजा। पत्र के मुताबिक, सम्मान समारोह ब्रिटिश संसद परिसर में आयोजित होगा। तारीख़ अभी फाइनल नहीं; आयोजकों ने “अगस्त 2025 के पहले सप्ताह” का संभावित शेड्यूल साझा किया है।
पहला भारतीय नाम
अब तक इस खास श्रेणी में किसी भारतीय सैंड आर्टिस्ट का नाम नहीं अंकित हुआ था। मधुरेंद्र ने फोन पर बताया, “ये मेरे लिए ही नहीं, पूरी भारतीय रेत‑कला बिरादरी के लिए माइलस्टोन है। मैं अपनी ज़मीन, अपनी मिट्टी से मिली प्रेरणा को लंदन तक ले जाऊँगा।”
खबर मिलते ही भागलपुर से पटना तक उत्सव का माहौल, सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़
बिहार में उल्लास
चयन‑समाचार के बाद भागलपुर, पटना और मुज़फ़्फरपुर में स्थानीय कलाकारों ने मिठाइयाँ बाँटीं। सोशल मीडिया पर #ProudOfBihar ट्रेंड करने लगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, “मधुरेंद्र की उपलब्धि हर बिहारी की उपलब्धि है।”
कलात्मक सफ़र पर एक नज़र
- मधुरेंद्र ने 12 साल की उम्र में गंगा किनारे रेत से छोटी आकृतियाँ बनानी शुरू कीं।
- 2018 में पुरी (ओडिशा) के अंतरराष्ट्रीय सैंड‑आर्ट फेस्टिवल में ‘श्रेष्ठ नवोदित कलाकार’ का खिताब जीता।
- कोविड काल में ‘Mask Up India’ थीम पर बनाई 20‑फ़ीट लंबी प्रतिमा सोशल मीडिया पर वायरल हुई।
- देश‑विदेश में 40 से ज़्यादा प्रदर्शनी; जापान के योकोहामा बीच फेस्टिवल में भी विशेष प्रदर्शन।
क्या है World Book of Records?
लंदन‑आधारित यह संस्था विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों को रजिस्टर करती है। चयन दो‑स्तरीय ऑडिट, विशेषज्ञ पैनल की सिफ़ारिश और परिषद की अंतिम स्वीकृति से होता है।
अगला कदम – नई प्रेरणा
सम्मान के बाद मधुरेंद्र बिहार के तटवर्ती ज़िलों में ‘रेत कला प्रशिक्षण शिविर’ चलाना चाहते हैं। उनका सपना है—“हर नदी‑तट पर एक मिनी सैंड‑आर्ट गैलरी बने, ताकि स्थानीय बच्चे रचनात्मकता से जुड़ें।”
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