उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बना रही सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति
43 विभागों की 487 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन, 'सिंगल विंडो सिस्टम' से उद्यमियों को मिल रहा बड़ा लाभ
- उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बना रही सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति
- 43 विभागों की 487 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन, ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ से उद्यमियों को मिल रहा बड़ा लाभ
विजय कुमार पटेल : लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यावसायिक सुगमता यानी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देकर न केवल निवेश का रास्ता खोला है, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार का अवसर भी दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में निवेश के माहौल को बेहतर बनाने के लिए दर्जनों सुधार किए गए हैं। अब उद्योगों को जरूरी लाइसेंस और अनुमतियाँ एक ही पोर्टल से मिल रही हैं, जिससे उद्योग तेजी से स्थापित हो रहे हैं।
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क्या है ईज ऑफ डूइंग बिजनेस?
फोटो : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एक ऐसा इंडेक्स है, जो यह बताता है कि किसी राज्य या देश में व्यापार शुरू करना और चलाना कितना आसान है। इसमें श्रम नियम, भूमि प्रबंधन, निर्माण अनुमति, ऑनलाइन सेवाओं की उपलब्धता, पारदर्शिता, लाइसेंस प्रक्रिया, और कानूनी विवादों का निपटारा जैसे कई पहलुओं को शामिल किया जाता है।
उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है खास?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में व्यापार और उद्योग के लिए माहौल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई क्रांतिकारी बदलाव किए हैं।
- प्रदेश के 43 विभागों की 487 से अधिक सेवाएं अब पूरी तरह ऑनलाइन हैं।
- उद्योगों के लिए भूमि आवंटन, पर्यावरण मंजूरी, लाइसेंस, कर भुगतान, और प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया अब आसान बना दी गई है।
- सभी सेवाएं “निवेशी सारथी पोर्टल” (Single Window System) के माध्यम से एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई गई हैं।
प्रदेश में आ रहे बड़े उद्योग
प्रदेश सरकार के इन प्रयासों का असर अब दिखाई देने लगा है।
- सैमसंग, एचसीएल, और अन्य बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में अपने उद्योग लगाए हैं।
- इससे स्थानीय युवाओं को कौशल के अनुसार रोजगार मिलने का रास्ता खुला है।
- उद्यमियों को अब कागज़ी कार्यवाही से मुक्ति मिल रही है और कार्यों में देरी नहीं हो रही है।
2019 की उपलब्धि और वर्तमान प्रगति
भारत सरकार द्वारा जारी 2019 की बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया था।
- अब तक 12.5 लाख से अधिक आवेदन “निवेश मित्र पोर्टल” के माध्यम से निपटाए जा चुके हैं।
- 4674 से अधिक नियमों को सरल कर दिया गया है, जिससे उद्यम स्थापित करना और आसान हो गया है।
स्थानीय स्तर पर क्या हो रहा है?
- बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती जैसे जिलों में भी अब उद्योगों की स्थापना में तेजी आई है।
- स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार दोनों का लाभ मिल रहा है।
- उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे, क्योंकि अधिकतर प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है।
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