गुजरात हाई कोर्ट से 3 महीने की अंतरिम ज़मानत – आसाराम बापू
अंतरिम ज़मानत की अवधि 31 मार्च को ख़त्म हो रही थी। इससे पहले आसाराम ने मेडिकल आधार पर 6 महीने की ज़मानत दिए जाने की मांग की थी। इस मामले पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है।
गुजरात हाई कोर्ट से मिली 3 महीने की अंतरिम ज़मानत – आसाराम बापू
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : अहमदाबाद : गुजरात।
अहमदाबाद : सूरत रेप मामले में शुक्रवार को गुजरात हाई कोर्ट ने आसाराम बापू पर अहम फैसला सुनाया।
हाई कोर्ट ने आसाराम को मेडिकल आधार पर 3 महीने यानी 30 जून तक के लिए अंतरिम ज़मानत दे दी।
इससे आसाराम बापू को बड़ी राहत मिली है, हालांकि, आसाराम ने 6 महीने की स्थाई ज़मानत के लिए अर्जी दी थी।
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अंतिम ज़मानत की अवधि 31 मार्च
आपको बता दें कि अंतरिम ज़मानत 31 मार्च को खत्म हो रही थी। इससे पहले आसाराम ने मेडिकल आधार पर 6 महीने की ज़मानत दिए जाने की मांग की थी।
इस मामले पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश के बाद अब आसाराम जून महीने तक जेल से बाहर रहेंगे।
इस मामले की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट में दो जजों की बेंच बनाई गई थी। जिसमें दोनों जजों की अलग-अलग राय थी। सुनवाई के दौरान, जज इलेश वोरा तीन महीने के लिए ज़मानत देने के पक्ष में थे, जबकि संदीप भट्ट इसके ख़िलाफ़ थे।
आसाराम बापू अपने ही गुरुकुल की छात्रा से रेप के मामले में आख़िरी सांस तक जेल में रहने की सज़ा काट रहे हैं। उन्हें सिर्फ मेडिकल आधार पर अंतरिम ज़मानत दी गई है।
सूरत की एक महिला ने आसाराम पर रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। आसाराम के ख़िलाफ़ 2013 में शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत गांधीनगर स्थानांतरित होने के बाद ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था। वहीं इस मामले में आसाराम को 2020 में दोषी ठहराया गया था।
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