हाईकोर्ट ने कहा – सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में व्यवस्थित ढांचा विकसित करने की जरूरत।
हाई कोर्ट इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में विभिन्न सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों के और डॉक्टरों की सूची मांगी थी। जिन पर प्राइवेट प्रैक्टिस मैं लिप्त होने के कारण कार्यवाही की गई है। 3 अप्रैल को अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की ओर से 28 मार्च को एक हलफनामा दायर किया गया था, जो रिकॉर्ड पर नहीं है।
हायकोर्ट ने कहा – सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में व्यवस्थित ढांचा विकसित करने की जरूरत
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : प्रयागराज ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में व्यवस्थित ढांचा विकसित करने की जरूरत है। इसका समय अब आ गया है। जब मेडिकल कॉलेजों अस्पताल में उत्तर प्रदेश के नागरिकों के इलाज़ के लिए समुचित बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएं।
यह टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य को निर्देश दिया है कि वह 10 अप्रैल को राज्य के मेडिकल कॉलेजों का विवरण उपलब्ध कराएं।
कोर्ट इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज के डॉ अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इससे पूर्व हाईकोर्ट ने प्रदेश घर में विभिन्न सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों के उन डॉक्टरों की सूची मांगी थी, जिन पर प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त होने के कारण कार्रवाई की गई है। 3 अप्रैल को अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की ओर से 28 मार्च को एक हलफनामा दायर किया गया था, जो रिकॉर्ड पर नहीं है।
उन्होंने कोर्ट को बताया है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले दोषी डॉक्टरों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जा रही है। इस पर कोर्ट ने पूरे प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों का पूरा विवरण और उनके बुनियादी ढांचे की जानकारी देने के लिए प्रमुख सचिव को निर्देश दिया। साथ ही कार्यालय को अगली तारीख पर हलफनामे का पता लगाकर रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।
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