हाई कोर्ट ने एमएलए व एसपी के हर आपराधिक मुकदमों की वर्षवार मांगी जानकारी
सनी के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने शपथ पत्र पेश किया। शपथ पत्र में अदालत को जानकारी दी गई है कि एमएलए और एमपी के लंबित मुकदमों की सुनवाई कम से कम टालने को लेकर निर्देश दिए है।
हाई कोर्ट ने एमएलए व एमपी के हर आपराधिक मुकदमों की वर्षवार मांगी जानकारी
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : जयपुर , राजस्थान।
राजस्थान हाई कोर्ट ने एमएलए व एमपी से जुड़े आपराधिक मामलों को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
अदालत ने राज्य सरकार को 7 अगस्त तक सालाना सारणी के जरिए बताने को कहा है कि एमएलए व एमपी पर कितने आपराधिक प्रकरण किस साल में दर्ज हुए और वर्तमान में केस की सुनवाई किस स्तर पर चल रही है?
सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस इंद्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
लोग अभियोजकों कहां गया है कि जिन मामलों में आरोप नहीं बन रहे हैं, उनका जल्दी निस्तारण किया जाएं।
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राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र में यह भी बताया गया है कि हर मामले में नाॅडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। जो प्रकरण को आसानी से ट्रेक कर सकेंगे।
शपथ पत्र को रिकॉर्ड कर लेते हुए अदालत ने राज्य सरकार से 7 अगस्त तक लंबित मुकदमों की वर्षवार जानकारी पेश करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2023 में एमएलए और एमपी से जुड़े आपराधिक मामलों में दिशा-निर्देश जारी कर हाई कोर्ट को इन केसों की निगरानी करने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायधीश को कहा था कि वह इन मामलों के संबंध में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर प्रकरण दर्ज करें और उनकी सुनवाई कर रहे ट्रायल कोर्ट की मॉनिटरिंग करते हुए समय-समय पर इनके ट्रायल की रिपोर्ट मांगे और जरूरत होने पर उनकी सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट भी बनाएं।
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