लखीमपुर में सीएम योगी ने किया शारदा नदी के ड्रेजिंग कार्य का निरीक्षण, बाढ़ राहत के कामों को तेज करने के निर्देश… देखें Video
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलिया क्षेत्र में मोटरबोट से शारदा नदी के चैनलाइजेशन कार्यों का किया निरीक्षण, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल भी रहे साथ
रिपोर्ट: आयुष पाण्डेय : लखीमपुर खीरी। लखीमपुर-खीरी के पलिया क्षेत्र में शारदा और सुहेली नदी की बाढ़ से हर साल तबाही मचती रही है। हजारों एकड़ फसल और कई गांवों का नामो-निशान मिट चुका है। इस गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मैदान में उतरे। शुक्रवार को उन्होंने शारदा नदी में चल रहे ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन कार्य का मोटरबोट से निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
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मुख्यमंत्री योगी ने मोटरबोट के जरिए नदी में हो रहे ड्रेजिंग और तटबंधों के निर्माण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कार्यों की प्रगति, गुणवत्ता और तय समयसीमा के बारे में विस्तार से जानकारी ली। योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिया कि बाढ़ से राहत के लिए हो रहे सभी कार्य पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरे किए जाएं, ताकि आगामी बारिश में पलिया क्षेत्र को बाढ़ की समस्या से बचाया जा सके।
पलिया का बाढ़ इतिहास
बता दें कि पलिया क्षेत्र साल 2008 से लगातार शारदा और सुहेली नदियों की बाढ़ से प्रभावित होता रहा है। बाढ़ के चलते अब तक हजारों एकड़ कृषि भूमि नष्ट हो चुकी है और कई गांव पूरी तरह उजड़ चुके हैं। ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए भाजपा विधायक रोमी साहनी लंबे समय से प्रयासरत हैं और अब सरकार ने इस पर युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है।
जनसभा से पहले निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलिया में अपनी प्रस्तावित जनसभा से पहले ही ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन कार्यों का निरीक्षण करना जरूरी समझा। उन्होंने कहा कि बाढ़ से होने वाली तबाही को रोकने के लिए चैनलाइजेशन कार्य बेहद जरूरी है और सरकार इसके लिए हर संभव संसाधन जुटा रही है।
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का बयान
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण और बाढ़ नियंत्रण कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। पलिया क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों को बाढ़ से स्थायी राहत दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।
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