जम्मू कश्मीर में NIA ने आतंकी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्करों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की

मामले से जुड़े अधिकारियों में एएनआई को बताया कि 2022 में दर्ज मामले के संबंध में प्राप्त विशेष इनपुट के आधार पर गुरुवार तड़के से केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई स्थानों पर छापेमारी चल रही है।

जम्मू कश्मीर में NIA ने आतंकी संगठनों के ओवरग्राउंड वर्करों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : श्रीनगर , जम्मू कश्मीर।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू कश्मीर में आतंकी साज़िश मामले में कई स्थानों पर छापेमारी की।

छापेमारी के दौरान, केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ अधिकारियों के जम्मू कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बल भी साथ रहें।

मामले से जुड़े अधिकारियों ने NIA को बताया कि 2022 में दर्ज़ मामले के संबंध में प्राप्त विशेष इनपुट के आधार पर गुरुवार तड़के से केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई स्थानों पर छापेमारी चल रही है।

अधिकारियों के अनुसार, आतंकी साज़िश से जुड़े मामले में विभिन्न आतंकवादी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स के ख़िलाफ़ यह तलाशी की जा रही है।

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रिपोर्ट के अनुसार, NIA ने जम्मू कश्मीर ने दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें उत्तर कश्मीर के सोपोर के बारामुल्ला भी शामिल है। सोपोर के बादामी इलाके में छापेमारी की गई है। यह छापेमारी क्षेत्र में संदिग्ध आतंकी गतिविधियों पर चल रही कार्यवाही के सिलसिले में की गई है।

इन तलाशियों का उद्देश्य जम्मू प्रांत में आतंकी नेटवर्क को खत्म करना और स्थानीय युवक कट्टरपंथी बनाकर और ओवर ग्राउंड वर्कर्स को लामबंद करके जम्मू कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की योजनाओं को विफल करना है।

आपको बता दें कि मार्च महीने में NIA ने सीमा पर आतंकवादी घुसपैठ की जांच के सिलसिले में 12 स्थानों पर छापेमारी की गई थी। इस दौरान आतंकवादियों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स को निशाना बनाया गया। ऐसे संदिग्ध आतंकवादियों को रसद, रहने की सुविधा और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने में मदद करते हैं।

NIA लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकवादियों के LOC के जरिए भारत में कुछ घुसपैठ की सूचना के आधार पर पिछले साल अक्टूबर में घुसपैठ संबंधी घटनाओं में मामला दर्ज किया गया था।

उल्लेखनीय के पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद को लेकर गंभीर है।

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