गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी का जनता दर्शन: सुनीं सैकड़ों फरियादें, अधिकारियों को दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
सीएम योगी ने कहा - “हर पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए, लापरवाही बर्दाश्त नहीं”
रिपोर्ट : दिनेश चंद्र मिश्रा : गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर जनता दर्शन के ज़रिए आम लोगों की समस्याएं सीधे तौर पर सुनीं और मौके पर ही अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। यह जनता दर्शन गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में शनिवार सुबह आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में पीड़ित अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे।
हर रोज़ की तरह जनता से हुए रूबरू

सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में अपने नियमित जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान जनता से मुलाकात की। सुबह होते ही मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में लोग जुटे, जिनमें महिलाएं, बुज़ुर्ग, युवा और दूर-दराज़ से आए ग्रामीण शामिल रहे।
मुख्यमंत्री ने हर फरियादी से पूरी संवेदनशीलता के साथ बातचीत की और उनकी परेशानियों को गंभीरता से सुना। उन्होंने मौके पर मौजूद अफसरों को कहा कि “जनता के साथ किसी भी हाल में अन्याय न हो।”
इन समस्याओं पर आईं अधिक शिकायतें
जनता दर्शन में जिन समस्याओं को लेकर लोग पहुंचे, उनमें प्रमुख रूप से शामिल रहे:
- ज़मीन-जायदाद से जुड़े विवाद
- इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग
- पुलिस प्रशासन से जुड़ी शिकायतें
- रोजगार की समस्याएं
- पारिवारिक विवाद और घरेलू हिंसा
सीएम योगी ने स्पष्ट कहा कि “प्रशासन का यह कर्तव्य है कि जनता की समस्याओं का समय से और पारदर्शी समाधान सुनिश्चित किया जाए।”
मदद का भरोसा और सख्त चेतावनी भी
मुख्यमंत्री ने जरूरतमंदों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। कुछ मामलों में उन्होंने मुख्यमंत्री सहायता कोष से मदद के लिए तुरंत प्रक्रिया शुरू करने को कहा। साथ ही अधिकारियों को यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि “काम में लापरवाही या टालमटोल बिल्कुल नहीं चलेगा। जो अफसर ढिलाई बरतेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
जनता में भरोसा और संतोष
जनता दर्शन में आए लोगों ने बताया कि मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें उम्मीद जगी है। एक फरियादी ने कहा, “सीएम साहब खुद हमारी बातें सुनते हैं, इससे भरोसा बढ़ता है कि न्याय मिलेगा।” गोरखपुर और आसपास के जिलों से आए लोगों ने योगी सरकार की इस पहल की सराहना की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह जनता दर्शन न सिर्फ प्रशासन को संवेदनशील और जवाबदेह बनाने की कोशिश है, बल्कि आम लोगों में यह भरोसा भी कायम करता है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। गोरखनाथ मंदिर परिसर में होने वाला यह कार्यक्रम अब लोगों की आवाज़ सरकार तक पहुंचाने का मजबूत ज़रिया बनता जा रहा है।