25 जुलाई: शिक्षामित्रों के जीवन का ‘काला दिवस’, दिवंगत साथियों को दी गई श्रद्धांजलि
2017 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बहराइच में हुआ भावनात्मक आयोजन, मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन
- 25 जुलाई: शिक्षामित्रों के जीवन का ‘काला दिवस’, दिवंगत साथियों को दी गई श्रद्धांजलि
- 2017 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बहराइच में हुआ भावनात्मक आयोजन, मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन
अमर सिंह बिसेन : बहराइच। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के लिए 25 जुलाई का दिन आज भी दर्द और संघर्ष की यादें ताजा कर देता है। 2017 में इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के शिक्षक पद पर समायोजन को निरस्त कर दिया था। इस निर्णय के बाद से हजारों शिक्षामित्रों ने आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव और उपचार के अभाव में अपने प्राण तक गंवा दिए। आज इस ‘काले दिवस’ पर बहराइच जिले में शिक्षामित्रों ने दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी और सरकार से न्याय की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
बहराइच जनपद के जिला पंचायत सभागार में आज शिक्षामित्रों ने एकत्र होकर इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया। कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षामित्रों ने उन साथियों को श्रद्धांजलि दी जो या तो आत्महत्या कर चुके हैं या फिर आर्थिक व मानसिक कारणों से असमय मृत्यु का शिकार हो गए।
इस अवसर पर डॉ. अनवारुल रहमान खान, जिला प्रवक्ता, उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ बहराइच ने कहा कि “हमारे हजारों साथियों की मौत का जिम्मेदार वह निर्णय है, जिसने हमारी रोज़ी-रोटी और पहचान छीन ली। सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन हमारी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।”
श्रद्धांजलि सभा के उपरांत सभी शिक्षामित्रों ने मिलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में शिक्षामित्रों की बहाली, मानदेय में बढ़ोतरी और सामाजिक सुरक्षा की मांग की गई है।
“प्रदेश की सरकारों ने सिर्फ वादे किए, लेकिन उन्हें निभाया नहीं। हम अपने दिवंगत साथियों को भूल नहीं सकते। जब तक हमारी माँगे पूरी नहीं होतीं, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
—–डॉ अनवारुल रहमान खान
25 जुलाई को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाकर शिक्षामित्रों ने यह संदेश दिया है कि न्याय की मांग अभी बाकी है। सरकार की ओर से ठोस कदम उठाए जाने की प्रतीक्षा है, ताकि शिक्षामित्रों को उनका सम्मानजनक भविष्य मिल सके।