करोड़ों की प्रॉपर्टी के मालिक और 400 से ज़्यादा किताबें लिखने वाले, श्रीनाथ खंडेलवाल की वृद्ध आश्रम में सांसे टूट गई।

अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी की फिल्म आई थी बागवान। पिता पुत्र के रिश्तों पर आधारित यह फिल्म समाज के लिए एक संदेश बनी है। इसमें प्रॉपर्टी के लिए बेटों ने पिता को घर से निकाल दिया था। "बागवान" जैसी ही रियल कहानी बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी यानी कि वाराणसी में देखने को मिली है। यहां संपत्ति के लालच में बेटी और बेटी ने पिता को मरणासन्न अवस्था में छोड़ दिया। बीतें शनिवार को 80 साल की उम्र में उनकी मौत भी हो गई।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार वाराणसी (उत्तर प्रदेश )।

करोड़ों की प्रॉपर्टी के मालिक और 400 से ज़्यादा किताबें लिखने वाले श्रीनाथ खंडेलवाल की वृद्ध आश्रम में सांसे टूट गई हैं। अंतिम समय में कोई अपना शव यात्रा में नहीं आया। 80 करोड़ की संपत्ति के मालिक श्रीनाथ खंडेलवाल को उनके अपने बेटे और बेटी ने घर से निकाल दिया था। अंतिम समय में समाजसेवी अमन कबीर ने उनका दहा संस्कार किया।

अभिताभ बच्चन और हेमा मालिनी की फिल्म आई थी बागवान। पिता और पुत्र के के बीच रिश्तों पर आधारित यह फिल्म समाज के लिए एक संदेश बनी है। इसमें प्रॉपर्टी के लिए बेटों ने पिता को घर से निकाल दिया था। “बागवान” जैसी ही रियल कहानी बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी यानी वाराणसी में देखने को मिली है। यहां संपत्ति के लालच में बेटी और बेटी ने पिता को मरणासन्न अवस्था में वृद्ध आश्रम में छोड़ दिया था। बीतें शनिवार को 80 साल की उम्र में उनकी मौत भी हो गई।

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वाराणसी के रहने वाले प्रसिद्ध लेखक एस एन खंडेलवाल (श्रीनाथ खंडेलवाल) एक अनाथालय में जीवन बिताने के लिए मजबूर थे। श्रीनाथ खंडेलवाल मार्च 2024 से काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्ध आश्रम में रह रहे थे। उनका परिवार उनसे अलग हो गया था, और वह अपनी 80 करोड़ की संपत्ति से बेदखल कर दिए गए थे। श्रीनाथ खंडेलवाल 400 से अधिक किताबें लिख चुके हैं। उनकी किताबें फ्लिपकार्ट और अमेजॉन पर भी उपलब्ध हैं।

अपनों के होते भी लावारिस की तरह गैरों ने किया, अंतिम संस्कार………

अस्पताल में श्रीनाथ खंडेलवाल के निधन की सूचना मिलने के बाद अमन कबीर और उनके दोस्तों ने उनका अंतिम संस्कार किया। उनके बेटे, जो बड़े बिजनेसमैन है, उनके बेटे ने आने से मना कर दिया। और बेटी ने फ़ोन तक नहीं उठाया। बेटी सुप्रीम कोर्ट में वकील है। दामाद भी सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं।

बेटे ने कहा था, लाश को बाहर फेंक देना……..

कुछ समय पहले मीडिया से बात करते हुए भारी मन से श्रीनाथ खंडेलवाल ने कहा था कि जब हम बीमार पड़े थे तो हमारे बच्चों ने कहा कि इसकी लाश को बाहर फेंक देना। यह सब सुनकर बहुत दुःख हुआ था। सबसे दुःखी हैं। इस कारण वृद्ध आश्रम में आ गए। बच्चों की बेरुखी ने उन्हें बेघर कर दिया था।

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