कुछ लोग सत्ता के लिए भाजपा से जुड़े हैं, अजीत पवार के साथ जाने की अटकलों के बीच शरद पवार का बड़ा बयान
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर कोई सत्ता के लिए भाजपा के साथ चल रहा है तो यह कांग्रेस की विचारधारा नहीं है। कोई किसी के साथ भी गठबंधन कर सकता है, लेकिन भाजपा के साथ जन कांग्रेस की विचारधारा के अनुरूप नहीं हो सकता। इशरत पवार ने कहा कि इस "अवसरवाद की राजनीति" को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।
कुछ लोग सत्ता के लिए भाजपा से जुड़े हैं, अजीत पवार के साथ जाने की अटकलों के बीच शरद पवार का बड़ा बयान
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : पुणे, महाराष्ट्र।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख सड़क भवानी मंगलवार को कहा कि कुछ व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर अवसरवाद की राजनीति में लिप्त है। शरद पवार की इस टिप्पणी को उनसे अलग हुए भतीजे अजीत पवार के लिए संदेश माना जा रहा है।
शरद ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों गुटों के फिर से एक होने के अटकलें है।
पिंपरी चिंचवाड़ में राकांपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि अवसरवाद की ऐसी राजनीति को प्रोत्साहित नहीं किया था। उन्होंने कहा कि वह उन लोगों को साथ लेने के लिए तैयार है जो गांधी, नेहरू, फूले और अंबेडकर की विचारधारा को मानते हैं।
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हाल ही के दिनों में चाचा और भतीजे के बीच विभिन्न अवसरों पर हुई मुलाकातों से राकांपा के अजीत पवार की पार्टी राकांपा के साथ संभावित विलय की अटकलें का बल मिला था।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां किसी ने अभी-अभी सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत का जिक्र किया है। सभी को साथ लेकर चलने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन सभी कौन है?
मैं उन लोगों को साथ लेकर चलने को तैयार हूं, जो गांधी, नेहरू, फूले और अंबेडकर के विचारधारा को मानते हैं। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग पार्टी छोड़ चुके हैं और नए लोग शामिल हो रहे है।
शरद पवार ने कहा कि सभी का मतलब उन लोगों से था, जो गांधी नेहरू, ज्योतिबा फुले और बी आर अंबेडकर के विचारधारा को मानते हैं। अगर वह इस विचारधारा को मानते है और उसका पालन करते हैं, तो मैं उन्हें स्वीकार कर सकता हूं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालांकि अगर कोई सत्ता के लिए भाजपा के साथ जा रहा है तो यह कांग्रेस की विचारधारा नहीं है। कोई किसी के साथ भी गठबंधन कर सकता है, लेकिन भाजपा के साथ जाना कांग्रेस की विचारधारा के अनुरूप नहीं हो सकता।
शरद पवार ने कहा कि इस “अवसरवाद की राजनीति” को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमें इसी के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वह पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की चिंता करना छोड़ दे और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कमर कस लें।
राकांपा प्रमुख ने कहा, मैंने अपने करियर में कई बार ऐसे घटनाक्रम देखे हैं। पवार ने कहा कि उन्हें आम लोगों की राजनीतिक समझ पर भरोसा है। उन्होंने जोड़ देकर कहा कि भारत में लोकतंत्र आम आदमी की सामूहिक अंतरात्मा के कारण बरकरार है, न की राजनीतिक नेताओं के कारण।
साल 1999 में पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जुलाई 2023 में विभाजित हो गई, जब अजीत पवार कहीं अन्य पार्टी नेताओं के साथ महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए।
अजीत ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली तथा राकांपा के आठ अन्य नेताओं के मंत्री पद की शपथ ली। निर्वाचन आयोग ने अतीत के नेतृत्व वाले समूह को मूल राकंपा के रूप में मान्यता दी और उन्हें पार्टी का मूल चुनाव चिन्ह “घड़ी” अपने पास रखने की अनुमति दी।
इसके बाद के चुनावी मुकाबले में राकंपा को शुरू में 2024 के लोकसभा चुनावों में बढ़त मिली, लेकिन इसके कुछ महीने बाद महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में उसे झटका लगा।
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