कुख्यात दीपक सिंह 14 साल बाद गिरफ़्तार, वाराणसी से STF लगी थी पीछे, बीएमपी-6 के पास दबोचा।
दीपक सिंह मुज़फ्फरपुर जिले के 26 कांडो में वांछित था, और 2011 से फरार चल रहा था। हाल ही में उसका लोकेशन वाराणसी में मिला था। इसके बाद बिहार एसटीएफ ने उसे पर कड़ी नजर रखना शुरू कर दी। जैसे ही उसने मुजफ्फरपुर में प्रवेश किया और बीएमपी 06 इलाके में पहुंचा। एसटीएफ की टीम ने सादे लिबास में उसकी रेकी कर उसे पैदल जाते समय गिरफ़्तार कर लिया।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार मुज़फ्फरपुर ( बिहार )।
बिहार एसटीएफ ने 14 सालों से फरार कुख्यात अपराधी दीपक सिंह को गिरफ़्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, दीपक सिंह अपने रिश्तेदार से मिलने बीएमपी 06 इलाके में आ रहा था, जिसकी सूचना मिलते ही एसटीएफ ने उसे धर दबोचा।
वाराणसी में मिला था,
कुख्यात अपराधी का लोकेशन……
दीपक सिंह मुजफ्फरपुर जिले में 26 कांडो में वांछित अपराधी था, और 2011 से फरार चल रहा था। हाल ही में उसका लोकेशन वाराणसी मिला था। इसके बाद बिहार एसटीएफ ने उस पर नज़र रखनी शुरू कर दी। जैसे ही उसने मुज़फ्फरपुर में प्रवेश किया और बीएमपी 06 इलाके में पहुंचा, एसटीएफ की टीम ने सादे लिबास में उसकी रेकी कर उसे पैदल जाते समय गिरफ़्तार कर लिया।
यह भी पढ़ें – पत्नी से विवाद के बाद युवक ने किया आत्मदाह का प्रयास, हालत गंभीर
कुख्यात अपराधी का गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड है। ग्रामीण एसपी विद्यासागर के अनुसार, दीपक सिंह पारू क्षेत्र का कुख्यात अपराधी था। उसके ख़िलाफ़ लूट, हत्या, रंगदारी जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। समस्तीपुर स्थित ग्रामीण बैंक की मैनेजर लाल बहादुर सिंह की हत्या में भी उसका नाम शामिल हैं।
आरोप है कि उसने बैंक मैनेजर पर फर्जी लोन पास करने का दबाव बनाया था और इनकार करने पर उनकी हत्या शव को बैंक के कैश रूम में गमछे के फंदे से टांग दिया था। इसके बाद वह मौके से फरार हो गया था।
दीपक सिंह मुज़फ्फरपुर जिले के 26 कांडो में वांछित था और 2011 से फरार चल रहा था। वह वाराणसी में था, इसके बाद मुज़फ्फरपुर में जैसे ही उसने प्रवेश किया उसे बीएमपी 06 इलाके में गिरफ़्तार कर लिया गया – विद्यासागर, ग्रामीण एसपी !!!!
अब अपराध पर लगेगी लगाम………….
दीपक सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है। उसकी गिरफ़्तारी से क्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण की उम्मीद जताई जा रही है। पुलिस हाल ही में उसके नाम का इश्तेहार जारी कर चुकी थी, इसके बाद उसे पकड़ने की रणनीति तेज़ कर दी गई थी।