कुलगाम मुठभेड़ में 10 लाख का इनामी हिजबुल कमांडर फारूक ढेर, प्रवासी श्रमिकों की हत्या में था शामिल।

हिजबुल आतंकवादियों के ख़िलाफ़ सुरक्षा बलों की यह दूसरी बड़ी कार्यवाही है। जिसमें सुरक्षा बलों ने कुलगाम ज़िले में चार आतंकवादियों को एक ही बार में मार गिराया था। लेकिन प्रवासी श्रमिकों के टारगेट किलिंग सहित कई मामले में मुख्य आरोपी नाली की हत्या को संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वह लंबे समय तक सुरक्षा बलों से बच रहा था। 1 वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ने उसके माध्यम से दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार श्रीनगर (जम्मू कश्मीर )

दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ में मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी को मार गिराने में सफलता मिली है। बताया जाता है कि हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकवादी और सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले आतंकवादी कमांडर को ढेर कर दिया गया है।

उसे फारूक अहमद उर्फ नाली जीसे उमर के नाम से भी जाना जाता था। उमर को अपने चार आतंकवादी साथियों के साथ अपने गृहनगर में भोर से पहले हुई मुठभेड़ में मार गिराया गया। उसे पर 10 लाख रुपए का इनाम था। कुलगाम के बेहीबाग के कद्देर गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में ख़ुफ़िया जानकारी मिलने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा संयुक्त रूप से आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया था।

यह भी पढ़ें – साबुन और दाल के पैकेट में 24 करोड़ रुपए की ड्रग्स, नाइजीरियाई महिला गिरफ़्तार।

जुलाई के बाद से हिजबुल आतंकवादी के ख़िलाफ़ सुरक्षा बलों कि यह दूसरी बड़ी कार्यवाही है। जिसमें सुरक्षा बलों ने कुलगाम जिले में चार आतंकवादियों को एक ही बार में मार गिराया था। लेकिन प्रवासी श्रमिकों की टारगेट किलिंग सहित कई मामले में मुख्य आरोपी नाली की हत्या को संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वह लंबे समय से सुरक्षा बलों से बच रहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ने उसके माध्यम से दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया। अमृत आतंकवादी गैर स्थानीय लोगों और नागरिकों पर हमला करने का मुख्य आरोपी बताया गया था। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पिछले 5 वर्षों में कश्मीर में गैर स्थानीय प्रवासी श्रमिकों और कश्मीरी पंडितो की चुनिंदा हत्याएं हुईं हैं।

ऐसे ही एक मामले का हवाला देते हुए, पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के निर्देश पर काम कर रहे नाली ने मार्च सन् 2022 में कुलगाम के अडूरा में सरपंच शब्बीर अहमद मीर कि उनके घर के अंदर हत्या करवा दी थी। उसने अपने सहयोग के माध्यम से योजना को तेज़ी से अंजाम दिया। जिन्हें बाद में पुलिस ने पकड़ लिया था। सन 2015 में आतंकवादी बनने के बाद वह फरार हो गया था। उसके घर पर पिछले साल जम्मू कश्मीर पुलिस ने सन् 2019 मैं 5 गैर स्थानीय श्रमिकों की हत्या में पांच गैर स्थानीय श्रमिकों की हत्या के सिलसिले में छापा मारा था।

मारे गए व्यक्ति को ए प्लस श्रेणी में रखा गया था। उसके सिर पर 10 लाख रुपए का इनाम था। इस बारे में जम्मू कश्मीर पुलिस के उप महानिरीक्षक डीआईजी दक्षिण कश्मीर जाविद इक़बाल मट्टू अपनेपास आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि की‌। लेकिन अभी तक पहचान उजागर नहीं की जा रहा है। उनके अनुसार, आतंकवाद विरोधी अभियान अभी भी जारी है। आतंकवादियों केशव बरामद किए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें – साबुन और दाल के पैकेट में 24 करोड़ रुपए की ड्रग्स, नाइजीरियाई महिला गिरफ़्तार।