‘क्या सनातन धर्म अनाथ है?’…. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले – हमारे धर्मशास्त्र के बारे में कोई भी क्यों बोल देता है?
उन्होंने कहा है कि हमला न केवल भारत के ऊपर, बल्कि हिंदुओं के ऊपर भी किया गया है। इसलिए अब हिंदू को अपनी रक्षा के लिए क्या योजना हो, ताकि वह जहां रहेगी सुरक्षित रहे। इस बारे में गंभीर चिंतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश की जनता अपने सरकारों से प्रतीक्षा कर रही है कि वह कुछ करेंगी और वह क्या करेगी ? अगर देर लग रही है तो देश के लोगों घबराने की जरूरत नहीं है। हो सकता है कि वह गहरी तैयारी की जा रही हो।
‘क्या सनातन धर्म अनाथ है?’….. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले – हमारे धर्म शास्त्र के बारे में कोई भी क्यों बोल देता है ?
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : मेरठ , उत्तर प्रदेश।
उत्तराखंड प्रवास से आते वक्त मंगलवार को ज्योतिष पीठ की शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मेरठ पहुंचे। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ केदारनाथ में अब कपाट खुल चुके हैं। वहां का वातावरण बहुत अच्छा है। यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि लोगों की यात्रा में संकोच नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारे धर्मशास्त्र के बारे में कोई भी क्यों बोल देता है, क्या सनातन धर्म अनाथ है?
आप यह सोचते हो कि सनातन धर्म में तो कोई बोलने वाला ही नहीं है। यह जो सोच है, हम उसी को समाप्त करना चाहते हैं। यह मत सोचिए सनातन धर्म में भी बुरा लगता है, लोगों को और वो भी प्रतिक्रिया करते हैं।
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उन्होंने कहा है कि यह हमला न केवल भारत के ऊपर, बल्कि हिंदुओं के ऊपर भी किया गया है। इसलिए अब हिंदुओं को अपनी रक्षा के लिए क्या योजना हो कि जहां रहें वह सुरक्षित रहें।
इस बारे में गंभीर चिंतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश की जनता अपनी सरकारों से प्रतीक्षा कर रही है कि वह कुछ करेंगी। अगर देर लग रही है तो देश के लोगों घबराने की जरूरत नहीं है।
हो सकता है कि गहरी तयारी की जा रही हों। इसलिए प्रतीक्षा ही की जा सकती है। देशभर में होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर उन्होंने कहा कि सही है यह वातावरण बनाने के लिए होंगा, लेकिन देश की जनता यह चाहती है कि जो भी लोग इस तरह के कर कृत्य के पीछे हैं, उनको कठोर प्रति उत्तर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 17 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में वह इसलिए बैठ रहे थे कि देश की जितनी भी राजनैतिक पार्टी है, जनता के सामने उनकी असलियत आ जाएं कि वह गाय के राष्ट्रमाता बनने के पक्ष में हैं या नहीं।
उन्होंने कहा कि इससे यही बात निकाल कर सामने आई है कि संसद में जो प्रतिनिधि है वह गाय के मामले में गौ हत्या बंदी और गाय को सम्मान देने के पक्ष में नहीं है। वह चाहते हैं कि जैसे पूर्व में गौ हत्या होती रही है ऐसे ही आगे भी होती रहे।
उन जनप्रतिनिधियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। चार धाम यात्रा होने पर उन्होंने सुरक्षा को लेकर गंभीरता बरतने का मशवरा भी सरकार को दिया है। उन्होंने कहा कि किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि वह कहना चाहेंगे कि जहां भी धार्मिक यात्राएं हो रही है, वहां सुरक्षा पर्याप्त होनी चाहिए। किसी भी तरह की कोताही उसमें नहीं होनी चाहिए। दोबारा इस प्रकार की कोई ऐसी घटना किसी भी हालत में नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मीडिया को कई बार सच कहने में नुकसान हो जाता है। सरकार जहां तक कई बार नहीं पहुंच पाती कई बार वहां से मीडिया बंधु खबर निकालकर ले आते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी हमारे धर्म के लिए कुछ भी बोल देगा,
क्या सनातन धर्म अनाथ है?
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