लखीमपुर खीरी बना जल संरक्षण का राष्ट्रीय मॉडल, ‘हर गांव तालाब’ अभियान इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हुआ दर्ज

DM दुर्गा शक्ति नागपाल और CDO अभिषेक कुमार के नेतृत्व में एक महीने में बने 1030 तालाब, ग्रामीणों की भागीदारी ने रचा नया इतिहास

  • लखीमपुर खीरी बना जल संरक्षण का राष्ट्रीय मॉडल, ‘हर गांव तालाब’ अभियान दर्ज हुआ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में
  • DM दुर्गा शक्ति नागपाल और CDO अभिषेक कुमार के नेतृत्व में एक महीने में बने 1030 तालाब, ग्रामीणों की भागीदारी ने रचा नया इतिहास

रिपोर्ट : आयुष पाण्डेय : लखीमपुर खीरी। जल संरक्षण की दिशा में लखीमपुर खीरी जनपद ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। ‘हर गांव तालाब’ अभियान के तहत केवल 15 मई से 15 जून 2025 के बीच 1030 तालाबों का निर्माण कर भारत का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करवा दिया गया है। यह रिकॉर्ड ग्रामीण विकास विभाग, जिला प्रशासन और आम नागरिकों की सामूहिक भागीदारी का नतीजा है।

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Lakhimpur Kheri became the national model of water conservation, 'Har Gram Talab' campaign was recorded in India Book of Records

बुधवार को विकास भवन स्थित विवेकानंद सभागार में आयोजित भव्य कार्यक्रम में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि प्रमिल द्विवेदी ने रिकॉर्ड की औपचारिक घोषणा की और डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल व सीडीओ अभिषेक कुमार को प्रमाणपत्र और मेडल प्रदान किया।

जनभागीदारी से उपजा जल आंदोलन

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने इस उपलब्धि को सिर्फ रिकॉर्ड नहीं बल्कि जनभागीदारी से उपजा जल आंदोलन बताया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य था कि पहली बारिश से पहले हर तालाब तैयार हो, और टीम ने इसे मिशन मोड में पूरा किया।”

उन्होंने यह भी बताया कि करीब 700 एकड़ भूमि को जल संरक्षण योग्य बनाया गया, और प्रत्येक ब्लॉक में 70-80 तालाबों की खुदाई हुई।

मुख्य विकास अधिकारी (CDO) अभिषेक कुमार ने इस अभियान की ज़िम्मेदारी संभाली और तालमेल व निगरानी के माध्यम से इसे ज़मीनी हकीकत में बदला। सभी खंड विकास अधिकारियों, ग्राम प्रधानों और मनरेगा कर्मियों की संयुक्त मेहनत ने लखीमपुर को देश भर में पहचान दिलाई।

रोजगार भी, महिला भागीदारी भी

Lakhimpur Kheri became the national model of water conservation, 'Har Gram Talab' campaign was recorded in India Book of Records‘हर गांव तालाब’ अभियान सिर्फ जल संरक्षण की योजना नहीं रही। इससे 7 लाख से अधिक मानव दिवसों का निर्माण हुआ, जिससे ग्रामीणों को रोज़गार मिला। खास बात रही कि इस अभियान में 30% से अधिक महिलाओं की भागीदारी दर्ज की गई, जिससे यह महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समावेशन का उदाहरण बन गया।

इस कार्यक्रम में डीसी मनरेगा सुशांत सिंह, डीपीआरओ विशाल सिंह, ब्लॉक अधिकारी, व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम समेत कई अधिकारी व ग्रामीण प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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