लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों के लिए कड़ी चेतावनी
वाहन चालक गति की सीमा तोड़कर वाहन चलाने में अपना व अन्य लोगों का जीवन दांव पर लगा रहे हैं
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) लखनऊ। यह कड़वा सत्य है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर तेजी से वाहन चलाने वाले वाहन चालक आमतौर पर दूसरी गाड़ियों से सुरक्षित दूरी बनाकर नहीं चलते हैं। अब देश में जब राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा था, तब यह उम्मीद जताई गई थी कि यह आवाजाही के सुगम और सुरक्षित मार्ग साबित होंगे।
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लेकिन कई लेने में आने जाने के लिए बनी चौड़ी सड़कों ने तेज रफ्तार वाहनों को मानो नए पंख दे दिए हैं। कम समय में गंतव्य तक पहुंचाने की चाह रखने वालों की वर्षों पुरानी इच्छा पूरी हो गई हो, लोग कुछ ही घंटे में सैकड़ो किलोमीटर की यात्रा पूरी करने लगे है, मगर यह सुगम मार्ग सुरक्षित नहीं रहा आज स्थिति यह है कि चालक गति सीमा तोड़कर वाहन चलाने लगे हैं। इस दौरान वह कई नियमों की अनदेखी करते चले जाते हैं। नतीजा यह है कि हादसे से बचने के लिए उन्हें ब्रेक लगाने तक का समय नहीं मिलता।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर अचानक ब्रेक लगाना न केवल चालक के लिए बल्कि दूसरे वाहन चालकों के लिए भी जानलेवा बन जाता है। ऐसी सड़कों पर तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक लेने से बढ़ रहे हादसों ने कई सवाल खड़े किए हैं।
इसी परिपेक्ष्य में कोयंबटूर में कोई एक दुर्घटना की सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि हाईवे पर बिना कोई चेतावनी दिए अचानक ब्रेक लगाना लापरवाही मानी जाएगी। इसमें कोई दोहराए नहीं है कि कोई वाहन चालक अगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ी रोकना चाहता है तो पीछे आ रही गाड़ियों को संकेत देना चाहिए। शीर्ष अदालत का कहना उचित है कि आपात स्थिति में भी कोई अचानक ब्रेक लगा देता है तो यह गैर जिम्मेदाराना है।
सामान्य स्थितियों में यह जरूरी होना चाहिए कि तेज रफ्तार वाहन के ब्रेक लगाने से पहले वाहन चालक चेतावनी अथवा संकेत दे। यह भी सच है कि राजमार्गों पर तेजी से वाहन दौड़ा रहे चालक आमतौर पर दूसरी गाड़ियों से उचित सुरक्षित दूरी बनाकर नहीं चलते, यह एक सबसे खतरनाक स्थिति है। हाईवे रोड सेफ्टी रपट 2021 के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वालक सभी दुर्घटनाओं में 74.4 % हादसे गति सीमा से अधिक वाहन चलाने के कारण होते हैं।
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इसलिए यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा के मानदंडों की अनदेखी हो रही है इन्हें और भी सख्त बनाने के साथ वाहन चालकों को भी जागरूक करने की अब जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला लापरवाह चालकों के लिए कड़ी चेतावनी है।