मध्य प्रदेश में अभी भी होंगी ई-कैबिनेट, व्यवस्था लागू करने वाला उत्तराखंड के बाद दूसरा राज्य।

वित्त, सहकारिता सहित अन्य विभाग ई-फाइलिंग को अपना चुके हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में भी इस पर काम होने लगा है। इसे आगे बढ़ते हुए सरकार अब ई-कैबिनेट व्यवस्था को लागू करने जा रही है। इसके लिए 28 विभागों के उप सचिव, अपर सचिव, अनुभाग अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। मंत्री परिषद के सदस्यों के निजी स्टाफ , निज सचिव, निजी सहायक को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशासनिक अनुमोदन सहित सभी प्रक्रियाएं होंगी ऑनलाइन।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश )।

देश में उत्तराखंड के बाद अब मध्य प्रदेश में ई- कैबिनेट बैठक शुरू की जाएंगी। नए वर्ष में नवाचार करते हुए मोहन सरकार ने इसका निर्णय लिया है। यह पूरी तरह पेपर लेस रहेंगी। इसके लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना केंद्र पोर्टल बनाया है। इसके उपयोग की विधि बताने के लिए अधिकारियों को दिसंबर में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। उत्तराखंड में इसकी शुरुआत 4 वर्ष पहले हुई थी। अब मध्य प्रदेश में इसे लागू करने के क्रम में मंत्रालय स्थित विभिन्न विभागों में ई-फाइलिंग व्यवस्था को लागू किया गया है। 

वित्त, सहकारिता सहित अन्य विभाग ई-फाइलिंग को अपना चुके हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में भी इस पर काम होने लगा है। इसे आगे बढ़ाते हुए सरकार अब ई-कैबिनेट व्यवस्था को लागू करने जा रही है। इसके लिए 28 विभागों के उप सचिव, अपर सचिव, अनुभाग अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। मंत्री परिषद के सदस्यों के निजी स्टाफ, निज सचिव, निज सहायक को भी प्रशिक्षण किया जा रहा है।

प्रशासनिक अनुमोदन सहित सभी प्रक्रियाएं होंगी ऑनलाइन……….

सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ई- कैबिनेट के लिए मंत्रियों को प्रस्ताव ऑनलाइन भेजे जाएंगे। प्रशासनिक अनुमोदन सहित सभी मंत्रियों को टैबलेट दिए जाएंगे। प्रारंभ में प्रस्ताव एवं अन्य संबंधित दस्तावेज़ भौतिक रूप से भी रहेंगे। जिन्हें बाद में पूरी तरह बंद कर दिया जाएंगा। ई- कैबिनेट व्यवस्था का एक लाभ यह भी होगा कि मंत्रियों के भोपाल में किसी कारण से उपस्थित नहीं होने की सूरत में वे कहीं से भी वर्चुअली जुड़ सकेंगे।

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