मध्य प्रदेश में AI की मदद से संचालित होंगा Dial 100 system, लोगों को जल्दी मिलेंगी सहायता।

वाहनों की संख्या भी 1000 से बढ़कर चरणबद्ध तरीके से 2000 तक की जाएंगी। संचालन करने वाले नए कंपनी के आने के बाद यह सुविधाएं बढ़ेंगी। पुलिस मुख्यालय के अधिकारी ने बताया है कि विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा। जो Dial-100 वाहन, कॉल सेंटर और अन्य संसाधनों की विशिष्टता (स्पेसिफिकेशन) तैयार करेंगी। उदाहरण के तौर पर वाहन में बैठने की क्षमता, ग्राउंड क्लिरेंस आदि।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश )।

प्रदेश में लोगों को पुलिस सहायता जल्द से जल्द उपलब्ध हो। इसके लिए डायल-100 सेवा में कॉल अग्रेषित (डिस्पैच) करने वालों की संख्या बढ़ाई जाएंगी। यह अभी 24 हैं, जिसे बढ़ाकर 40 किया जाएंगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से ऑटो डिस्पैच तकनीक को लागू किया जाएंगा। इससे डायल-100 वाहन रवाना करने में तेज़ी आएंगी।

कॉल सेंटर की अधिकतम क्षमता अभी 80 सीट की है, जिसे 100 किया जाएंगा। वाहनों की संख्या भी 1000 से बढ़ाकर चरणबद्ध तरीके से 2000 तक की जाएंगी। संचालन करने वाले नए कंपनी के आने के बाद यह सुविधाएं बढ़ेंगी।

पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया है कि विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएंगा। जो डायल-100 वाहन, कॉल-सेंटर, और अन्य संसाधनों की विशिष्टता (स्पेसिफिकेशन) तैयार करेंगी।

उदाहरण के तौर पर, वाहन में बैठने की क्षमता, ग्राउंड क्लियरेंस आदि। इसके बाद वाहनों का संचालन करने वाली कंपनी के चयन के लिए निविदा जारी की जाएंगी। सरकार ने बुधवार को डायल-100 सेवा की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृति दी है।

प्रदेश में संचालित हो रहें डायल-100 वाहनों को नई कंपनी के आने के साथ ही 5 वर्ष में बदला जाना था। नई कंपनी के चयन में 4 वर्ष की देरी हो चुकी है। इस कारण वाहनों की हालत ख़राब है।

  1. अधिकतर वाहन 3 लाख किलोमीटर से अधिक चल चुके हैं।
  2. घटनास्थल की जीपीएस लोकेशन बताने वाले एमडीडी बॉक्स वाहनों में ख़राब हो चुके हैं।
  3. 1000 वाहनों में से 100 से 150 हमेशा ख़राब रहते हैं। ऐसे में लोगों को पुलिस सहायता मिलने में देरी होती हैं।

यह भी पढ़ें – पुलिस अधीक्षक द्वारा यातायात कार्यालय एवं अपराध शाखा का किया गया औचक निरीक्षण