मध्य प्रदेश में बदलेंगी की शराब नीति, अहाते को लेकर फ़ैसला ले सकती है सरकार।

प्रदेश में देशी और विदेशी शराब के लिए अलग-अलग दुकानों के स्थान पर कंपोजिट दुकान की व्यवस्था लागू की गई है। वार्षिक मूल्य 15% बढ़कर नवीनीकरण किया गया था। दुकानों के समूह बनाकर प्रक्रिया की गई थी। उन्हें वार्षिक मूल्य कम करके दे दिया गया था। इस बार नवीनीकरण के स्थान पर एकल दुकान की नीलामी पर जोर रहेगा। वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और नए लोगों को भी मौका मिलेगा। राजस्व भी अधिक आएंगा।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश )।

मध्य प्रदेश सरकार इस बार शराब नीति में परिवर्तन करेंगी। अभी तक दुकानों के समूह बनाकर नीलामी की जाती थी, लेकिन वर्ष 2025 और 26 के लिए यह एकल दुकान नीलामी होंगी। इससे प्रतिस्पर्धा होंगी और राजस्व बढ़ेगा। प्रदेश में 3,605 कंपोजिट शराब दुकानें है। जिन्हें 1,100 समूह बनाकर नीलाम किया गया था। तय किया गया है कि आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम सभा की अनुमति से ही शराब दुकानें खोली जाएंगी। धार्मिक स्थलों के पास स्थित कुछ दुकानों को भी बंद किया जाएंगा। 2025 और 26 के लिए प्रस्तावित नीति को जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत किया जा सकता है।

प्रदेश में देशी और विदेशी शराब के लिए अलग-अलग दुकानों के स्थान पर कंपोजिट दुकान की व्यवस्था लागू की गई है। वार्षिक मूल्य 15% बढ़ाकर नवीनीकरण किया गया था। दुकानों के समूह बनाकर प्रक्रिया की गई थी। इसलिए अधिकतर दुकानें नवीनीकरण में चली गई। जिनका नवीकरण नहीं हुआ। उन्हें वार्षिक मूल्य कम करके दे दिया गया। वाणिज्यिक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और नए लोगों को भी मौका मिलेगा। राजस्व भी अधिक आएगा। 2003 में एकल दुकान नीलामी की व्यवस्था थी।

शिवराज सरकार ने 2023 में अहाते बंद करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे तर्क यह था कि हाते में बैठाकर शराब पिलाने से कानून व्यवस्था पर बुरा असर पढ़ रहा था। झगड़े होते हैं। हालांकि, इस व्यवस्था में बंद करने के बाद दुकान के आस-पास लोग शराब पीने लगे हैं। जिससे आमजन को परेशानी भी हो रही है। इसे देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था का प्रावधान किया जा सकता है।

धार्मिक स्थलों के आस-पास स्थित दुकानें हो सकती है बंद……..

उज्जैन सहित कुछ अन्य धार्मिक स्थलों के आस-पास स्थिर शराब दुकान बंद हो सकती है। महाकाल लोक बनने के बाद पूरे देश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफ़ी वृद्धि हुई है। शराब दुकानों के आस-पास कई बार कानून व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ा जाती है। इससे गलत संदेश जाता है। इसलिए कुछ दुकानें बंद की जा सकती हैं।

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