ममता बनर्जी ने भाजपा पर “सांप्रदायिक वायरस फैलाने” का लगाया आरोप, केंद्र से सीमाओं की सुरक्षा करने का आग्रह
जिस तरह 2016 में नोटबंदी की घोषणा के एक दिन बाद ऑनलाइन भुगतान मंच ने अखबारों से पहले पन्ने पर विज्ञापन दिए थे, इस तरह NHRC ने दंगे होने के तुरंत बाद मुर्शिदाबाद का दौरा किया। इसलिए मैं कह रही हूं कि पूर्व नियोजित था।
ममता बनर्जी ने भाजपा पर सांप्रदायिक वायरस फैलाने का लगाया आरोप , केंद्र से सीमाओं की सुरक्षा करने का आग्रह
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : मुर्शिदाबाद , पश्चिम बंगाल ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बीजेपी संगठन की केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने और देश की सीमा की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह कथित “घिनौनी और गंदी राजनीति” करने की बजाय देश की सीमाओं की रक्षा करें और पहलगाम आतंकी हमले से प्रभावित परिवार को न्याय दिलाएं।
अप्रैल में सांप्रदायिक झड़पों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहली बार दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करने पहुंची थी।
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तीखी आलोचना करते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने आयोग के सदस्यों के मुर्शिदाबाद के हालिया दौरे के मद्देनजर उसकी प्राथमिकताओं पर सवाल उठाया।
उन्होंने यह भी पूछा है कि क्या एनएचआरसी के सदस्यों ने भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और जाति अहिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया था।
ममता बनर्जी ने कहा कि क्या एनएचआरसी ने मणिपुर और उत्तर प्रदेश का दौरा किया?
वह मुर्शिदाबाद का दौरा करने में तत्पर थे। जिस तरह 2016 में नोटबंदी की घोषणा के 1 दिन बाद ऑनलाइन भुगतान मंच ने अखबारों में पहले पन्ने पर विज्ञापन दिए थे।
इस तरह एनएचआरसी ने दंगे होने के तुरंत बाद मुर्शिदाबाद का दौरा किया।
इसलिए मैं कह रही हूं कि यह पूर्व नियोजित था।
ममता बनर्जी ने कहा कि अधिकतर साजिशों का पर्दाफाश कर दिया है। मीडिया के सामने इसका पर्दाफाश करूंगी।
मीडिया पर हमला करते हुए ममता बनर्जी ने कहा दुर्भाग्य से, कुछ मीडिया संस्थान बेबुनियाद बातें फैलाने में भाजपा के हाथों की कठपुतली बन गए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि भाजपा ने मुर्शिदाबाद दंगों से प्रभावित परिवारों को जबरन अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया, ताकि वह उनसे मिल ना सकें।
उन्होंने कहा ,” भाजपा मुर्शिदाबाद दंगों से प्रभावित लोगों के परिवारों को वहां से दूर ले गई, ताकि वह मुझसे ना मिल सकें। क्या यह अपहरण नहीं है?
अगर मैं उनसे यही मिलती और उन्हें चेक सौंपती तो क्या नुकसान होता है?”
मुख्यमंत्री ने केंद्र को अपनी चेतावनी दोहराते हुए कहा,” सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के बजाय, हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब आप कुर्सी पर होते हैं, तो आप लोगों को धार्मिक आधार पर नहीं बांट सकते।
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