मासूम परी हत्याकांड, DIG ने थानेदार सहित दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया

इस मामले को गंभीरता से देते हुए पुलिस अपमान निरीक्षक संजीव त्यागी ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने उन थानेदारों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है, जो अपराध रोकने में नाकाम साबित हुए हैं।

मासूम परी हत्याकांड, DIG ने थानेदार सहित  2 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : बस्ती , उत्तर प्रदेश।

जमीन के विवाद में पुलिस के सामने ही मासूम बेटी के निर्मम हत्या ने जिले में सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है।

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की नींद उड़ा दी और आम जनता के बीच भी सुरक्षा को लेकर भारी चिंता पैदा कर दी है।

जिले में बढ़ते अपराध के ग्राफ को देखते हुए अब पुलिस प्रशासन भी हरकत में आ गई है।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक संजीव त्यागी ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने उन थानेदारों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है, जो अपराध रोकने में नाकाम साबित हुए है।

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इस सर्जिकल स्ट्राइक पहला असर भी सामने आ गया है, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा गया है। पैकोलिया थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव, एक दरोगा रमेश कुमार और कांस्टेबल देवनाथ यादव को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि  डीआईजी संजीत त्यागी ने सपा को कड़ा पत्र जारी इस मामले में कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।

डीआईजी ने मृतका परी के घायल परिजनों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की और न्याय का भरोसा दिलाया। परी श्रीवास्तव हत्याकांड में पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया था।

इस जघन्य ने अपराध में लोगों के दिलों में डर और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मासूम बेटी की जान चली गई क्योंकि पुलिस की कथित जिला लापरवाही ने  अपराधियों को खुला खेल खेलने का मौका दिया।

यदि समय रहते पुलिस ने उचित कदम उठाए होती तो शायद परी आज हमारे बीच होती।

अच्छी खबर यह है कि पुलिस में तत्परता दिखाते हुए इस मामले के 11 में से साथ मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सवाल यह है कि अगर पुलिस रहते सचेत होती और आवश्यक कदम उठाते तो शायद यह घटना नहीं होती।

इस जगह में अपराध के बाद कहीं सामाजिक और राजनीतिक संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। पकड़े गए आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगा सके और दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।

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