MCD स्थायी समिति की अध्यक्ष बनीं भाजपा पार्षद सत्या शर्मा, मिले 11 वोट

दिल्ली नगर निगम की सर्वोच्च समिति यानी स्थाई समिति के अध्यक्ष और डिप्टी चेयरमैन पद के लिए गुरुवार को चुनाव हुआ। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच चुनाव को लेकर सीधा मुकाबला देखा गया।

MCD स्थायी समिति की अध्यक्ष बनीं बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा , मिलें 11 वोट 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली। 

 

  • भाजपा पार्षद सत्या शर्मा चुनी गई दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति की चैयरमेन।
  • आप प्रत्याशी प्रवीण कुमार राजपूत को चार वोट से हराया।
  • सत्या शर्मा को 11 और प्रवीण कुमार राजपूत को मिले 7 वोट। 
  • स्थाई समिति के सभी 18 सदस्यों ने किया मतदान।

दिल्ली नगर निगम की सर्वोच्च समिति यानी स्थायी समिति के चैयरमेन और डिप्टी चेयरमैन पद के लिए गुरुवार को चुनाव हुआ है।

भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच इस चुनाव को लेकर सीधा मुकाबला देखा गया है। दोनों ही दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था और सदस्यों को साधने की रणनीति में जुटे थे।

भाजपा ने चैयरमेन पद के लिए गौतमपुरी वार्ड पार्षद सत्या शर्मा को उम्मीदवार बनाया था। आम आदमी पार्टी ने जनकपुरी वेस्ट से पार्षद प्रवीण कुमार को मैदान में उतारा था। डिप्टी चेयरमैन पद के लिए भाजपा ने भाटी वार्ड से सुन्दर सिंह को, जबकि आपकी ओर से सुंदर नगरी वार्ड से पार्षद मोहिनी जीनवाल को मैदान में उतारा था।

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2:00 बजे निगम की बैठक 

आपको बता दें कि MCD स्थायी समिति में कुल 18 सदस्य हैं। जिनमें भाजपा के पास 11 और आम आदमी पार्टी के पास 07 सदस्य हैं।

बहुमत के आंकड़े को देखते हुए भाजपा की स्थिति फिलहाल मजबूत मानी जा रही हैं। हालांकि चुनावी राजनीति में अंतिम नतीजा मतदान के बाद ही स्पष्ट हो सकेंगा। चुनाव के लिए समिति के बैठक दोपहर 2:00 बजे निगम मुख्यालय में बुलाई गई है।

बैठक के अध्यक्षता महापौर राजा इकबाल सिंह करेंगे। जो इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी की भूमिका में रहेंगे। मतदान के तुरंत बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया हैं।

स्थायी समिति MCD की सबसे प्रभावशाली इकाई मानी जाती है। ऐसे में इस चुनाव पर दिल्ली का सियासी नज़रें टिकी हुई है। गौरतलब है कि ढाई साल से दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति का चुनाव नहीं हुआ है। इसकी वज़ह से दिल्ली नगर निगम महत्वपूर्ण कामकाज ठप पड़ा हुआ है।

स्थायी समिति से मंजूरी के इंतजार में कहीं योजनाएं शुरू ही नहीं हो पाई हैं।

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