मॉडलिंग एवं एंकरिंग छोड़ चुनाव अध्यात्म का मार्ग, महाकुंभ से छाई भोपाल की हर्षा रिछारिया।

लोगों ने उन्हें मॉडलिंग में करियर बनाने का सुझाव दिया। इसके बाद हर्षा एक एंकर बनी। कई कार्यक्रमों को होस्ट किया गया। उन्हें भोपाल में मॉडलिंग के भी कहीं कांटेक्ट भी मिले। बीते दो वर्षों से उन्होंने मॉडलिंग और एंकरिंग का कार्य छोड़ दिया था। वह उत्तराखंड में रहने लगी है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश )।

प्रयागराज में महाकुंभ के मेले में शामिल होकर भोपाल की हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया की नई सनसनी बन गई है। 2 दिन पहले उनका एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वह रथ पर साधु संतों के साथ बैठी दिखाई दे रही है। कई लोगों ने उन्हें साध्वी की संख्या दे दी है। फोटो वीडियो को कई प्लेटफार्म पर पोस्ट करना शुरू कर दिया। हर्षा ने बाद में स्पष्ट किया है कि वह साध्वी नहीं है, लेकिन अध्यात्म से जुड़ी है। हर्षा भोपाल की रहने वाली है। हर्षा ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग और एंकरिंग से की थी। करीब 5 वर्ष तक उन्होंने अपना प्रोफेशन जारी रखा। क़रीब 2 वर्ष पहले उनका रुझान आध्यात्म की ओर बढ़ा। इसी दौरान उन्होंने रंजनी अखाड़ा के साधनों की संगति मिली। इसके बाद वह आचार्य महामंडलेश्वर के शिष्या बन गई।

हर्षा रिछारिया कहती है कि 2 साल पहले सुकून की तलाश में उनका झुकाव आध्यात्म और बढ़ा। उन्हें काम छोड़ कर अध्यात्म का रास्ता चुना था। हर्षा ने यह भी बताया है कि पारिवारिक स्थिति के कारण उन्होंने 2015 में नौकरी शुरू की थी।

लोगों ने उन्हें मॉडलिंग में करियर बनाने का सुझाव दिया। जिसके बाद हर्षा एक एंकर बनी। कई कार्यक्रमों को होस्ट किया गया। उन्हें भोपाल में भी कई कांट्रेक्ट मिले। बीते दो वर्षों से उन्होंने मॉडलिंग और एंकरिंग का कार्य छोड़ दिया था। वह उत्तराखंड में ही रहने लगी है।

हर्ष ने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर खुद को सोशल मीडिया एक्टिविस्ट और इंफ्लुएंसर बताया है। उनके एक्स पर बायो में लिखा है कि वह आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरी जी महाराज, निरंजनी अखाड़ा की शिष्या है। एक इंटरव्यू में हर्षा ने कहा है कि जीवन में काफ़ी कुछ मिलने के बाद यह खालीपन होता है। यह आपको बताता है कि यह सब सच नहीं है। जिसको पाने के लिए इतनी मेहनत की थी तब आप शांति की तलाश में अध्यात्म की तरफ आते हैं।

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