MP में भ्रष्टाचार बेकाबू, दमोह में जनपद सीईओ 20 हज़ार की रिश्वत लेते धराया, उमरिया में सचिव ने मांगे 10 हज़ार रुपए।

दमोह जिले की जनपद पंचायत पटेरा के मुख्य कार्यकाल अधिकारी भूरसिंह रावत द्वारा ग्राम पंचायत कोटरी के सरपंच रामकुमार मिश्रा से पुराने निर्माण कार्य के भुगतान एवं नए कार्य स्वीकृत के संबंध में कुल राशि की 10% की राशि की मांग की जा रही थी। इस पर सरपंच ने मंगलवार को ₹20,000 देने की बात कही। लोकायुक्त की टीम ने मंगलवार सुबह पटेरा में को के निजी आवास पर सरपंच द्वारा ₹20,000 की नगद राशि देते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार किया गया है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार दमोह (मध्य प्रदेश )।

मध्य प्रदेश में खुलेआम भ्रष्टाचार चल रहा है। ताजा मामले दमोह और उमरिया के हैं। दमोह जिले के जनपद पंचायत पटेरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्माण-कार्यों की राशि के भुगतान एवं नवीन कार्य स्वीकृत के एवज में 20 हज़ार रुपए की राशि लेते हुए लोकायुक्त सागर ने रंगे हाथों गिरफ़्तार किया है।

इसी तरह, उमरिया जिले के मानपुर जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत माला के सचिव को लोकायुक्त ने 10 हज़ार रुपए  रिश्वत लेते हुए गिरफ़्तार किया है।

दमोह मामले में कार्यवाहक उपपुलिस अधीक्षक मंजू सिंह ने बताया है कि दमोह जिले की जनपद पंचायत पटेरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भूरसिंह रावत द्वारा ग्राम पंचायत कुटरी के सरपंच रामकुमार मिश्रा से पुराने निर्माण कार्यों के भुगतान एवं नए कार्य स्वीकृत के संबंध में कुल राशि की 10% की राशि की मांग की जा रही थी।

इस पर सरपंच ने मंगलवार को 20 हज़ार रुपए देने की बात कही। लोकायुक्त के टीम ने मंगलवार सुबह पटेरा में सीओ के निजी आवास पर सरपंच द्वारा 20 हज़ार रुपए की नगद राशि देते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार किया गया है।

इस मामले में कार्यवाही के दौरान उप पुलिस अधीक्षक बी एम द्विवेदी, प्रधान आरक्षक महेश हजारी, आरक्षक सुरेंद्र सिंह, आशुतोष व्यास, राघवेंद्र सिंह गोल्डी, साक्षी एवं मान्य अन्य स्वतंत्र पक्ष उपस्थित रहें।

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