नौसेना बेस को फोन कर INS विक्रांत के बारे में जानकारी मांगी, व्यक्ति गिरफ़्तार
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुजीब रहमान ने अपने फोन से पिछले शुक्रवार को रात करीब 9:00 बजे कोच्चि नेवल बेस हेडक्वार्टर के लैंडलाइन नंबर पर कॉल किया था। फोन करने वाले ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय से राघव बताया। उसने पूछा कि क्या आईएनएस विक्रांत इस समय कोच्चि में है और अगर नहीं है तो उसका वर्तमान स्थान क्या है।
नौसेना बेस को फोन कर INS विक्रांत के बारे में जानकारी मांगी , व्यक्ति गिरफ़्तार
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : एर्नाकुलम , केरल।
कोच्चि नौसेना बेस को भारत के स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के स्थान के बारे में जानकारी मांगने के लिए किए गए फोन कॉल के सिलसिले में पुलिस ने मुजीब रहमान को गिरफ़्तार कर लिया
कोझिकोड के इलाथुर के मूल निवासी मुजीब को कोच्चि हार्बर पुलिस ने गिरफ़्तार किया।
कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त पी. विमलादित्य ने कहा कि आरोपी मुजीब रहमान लंबे समय से मानसिक समस्या से पीड़ित हैं।
आयुक्त ने मीडिया को बताया कि रहमान 2021 से मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करा रहा है। उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जाएंगी और अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है।
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जिससे पता चले कि आरोपी का किसी संगठन से कोई संबंध है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुजीब रहमानी ने अपने फोन से पिछले शुक्रवार को रात करीब 9:00 बजे कोच्चि नेवल बेस हेडक्वार्टर के लैंडलाइन नंबर पर कॉल किया था।
फोन करने वाले ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय से राघव बताया।
उसने पूछा कि क्या आईएनएस विक्रांत इस समय कोच्चि में है और अगर नहीं है तो उसका वर्तमान स्थान क्या है?

उन्होंने कहा कि इसके बाद नेवल बेस ने हार्बर पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज़ किया और बाद की जांच में कोझिकोड निवासी मुजीब रहमान की पहचान हुई।
बेहद संवेदनशील आईएनएस विक्रांत के बारे में जानकारी मांगने वाले संदिग्ध कॉल पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच आई।
पुलिस ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया और गहन जांच शुरू की।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कोचीन शिपयार्ड द्वारा निर्मित आईएनएस विक्रांत भारत का सबसे बड़ा स्वदेशी रूप से निर्मित युद्धपोत है।
आरोपी को जल्द ही अदालत के समक्ष पेश किए जाने की संभावना है। आरोपी की मानसिक स्थिति और अन्य प्रासंगिक जानकारी को ध्यान में रखते हुए विस्तृत जांच के बाद ही कॉल के पीछे वास्तविक उद्देश्यों का पता लगाया जा सकेगा।
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