नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा।
अधिकारियों ने यादव के नोएडा स्थित आवास और इटावा स्थित कॉलेज में एक साथ छापेमारी की। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह संपत्ति उनकी घोषित आय से कहीं अधिक है। कॉलेज की कीमत लगभग 15 करोड़ रुपए आंकी गई है। अधिकारियों को संदेह है कि संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित धन का हिस्सा हो सकती है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार नोएडा (नई दिल्ली )।
नोएडा अथॉरिटी में कार्य पूर्व कार्यकारी अधिकारी रविंद्र सिंह यादव के खिलाफ बड़े कार्यवाही के तहत उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई है। इस छापेमारी में अवैध संपत्ति और अन्य गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। सबसे चौंकाने वाला मामला उनके इटावा स्थित कॉलेज से जुड़ा है, जिसकी क़ीमत लगभग 15 करोड़ रुपए आंकी गई हैं।
अधिकारियों ने यादव के नोएडा स्थित आवास और इटावा स्थित कॉलेज में एक साथ छापेमारी की। शुरुआती जांच में सामने आया है कि उनकी यह संपत्ति घोषित आय से कहीं अधिक है।
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इटावा कॉलेज…….
कॉलेज की क़ीमत लगभग 15 करोड़ रुपए आंकी गई हैं। परिसर में अत्याधुनिक सुविधाएं और विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर देखा गया हैं। अधिकारियों को संदेह है कि यह संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित धन का हिस्सा हो सकती हैं।
अन्य संपत्ति…….
नोएडा में कहीं बेशकीमती ज़मीन और फ्लैट हैं। कई बैंक अकाउंट और दस्तावेज़ जिनमें बेहिसाब लेन-देन दर्ज़ हैं।
नोएडा अथॉरिटी में काम करते हुए यादव पर लंबे समय से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लग रहे थे। एक गुप्त सूचना के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने कार्यवाही की। टीम ने यादव के ठिकानों पर मौजूद सभी दस्तावेज़ और डिजिटल डाटा को ज़ब्त कर लिया है।
इस छापेमारी के बाद, अधिकारी ने यादव से जुड़े अन्य स्थान और संपत्तियों की जांच तेज़ कर दी है। माना जा रहा है कि यह मामला सिर्फ नोएडा और इटावा तक सीमित नहीं है। अन्य शहरों में भी उनकी संपत्ति हो सकती है।
इस कार्यवाही से जनता में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आक्रोश और प्रबल हुआ है। लोगों ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार पर सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए।
अधिकारियों का बयान…….
जांच अधिकारियों ने बताया है कि ” हमने बड़े पैमाने पर दस्तावेज़ ज़ब्त किए हैं। मामले की पूरी जांच के बाद ही यादव के ख़िलाफ़ कानूनी कार्यवाही तय होगी। रविंद्र सिंह यादव पर की गई इस कार्यवाही ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सरकारी तंत्र सख़्त हो गया है। आने वाले समय में इस मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
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