युद्ध में जाने की अनुमति मांगने वाले हेड कांस्टेबल के पुराने कारनामे उजागर, 5 मुकदमे और 3 बार जा चुका है जेल

रामपुर के चमन सिंह ने डीजीपी को पत्र भेजकर जताई थी युद्ध में जाने की इच्छा, लेकिन अब सामने आई उसकी विवादित इतिहास की पूरी लिस्ट

  • युद्ध में जाने की अनुमति मांगने वाले हेड कांस्टेबल के पुराने कारनामे उजागर, 5 मुकदमे और 3 बार जा चुका है जेल
  • रामपुर के चमन सिंह ने डीजीपी को पत्र भेजकर जताई थी युद्ध में जाने की इच्छा, लेकिन अब सामने आई उसकी विवादित इतिहास की पूरी लिस्ट

 विजय कुमार पटेल : लखनऊ। यूपी के रामपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल चमन सिंह ने भारत-पाक तनाव के बीच युद्ध में जाने की अनुमति मांगी। लेकिन उसकी इस ‘देशभक्ति’ के पीछे का असली चेहरा अब सामने आया है। रामपुर पुलिस ने इस हेड कांस्टेबल की पूरी हिस्ट्री सामने रख दी है, जिसमें कई गंभीर आरोप, अनुशासनहीनता, जेल यात्रा और आपराधिक केस शामिल हैं।

यह भी पढ़ें : जेल की चारदीवारी के भीतर उम्मीद सँग सेहत की नई हवा: जिला कारागार में ‘ओपन जिम’ की शुरुआत

डीजीपी को लिखा था पत्र, मांगी थी युद्ध में शामिल होने की परमिशन

Old feats of the head constable seeking permission to go into war, 5 cases and jailed have gone 3 times
फोटो : हेड कांस्टेबल चमन सिंह

रामपुर पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल चमन सिंह ने हाल ही में यूपी डीजीपी को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि वो देशभक्ति की भावना से युद्ध में शामिल होना चाहते हैं। पत्र में दावा किया गया कि वे SLR, INSAS और AK-47 जैसे हथियारों का संचालन करने में दक्ष हैं। लेकिन उनकी इस अर्जी से ऊपर तक हड़कंप मच गया और कुछ ही घंटों में पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर उनका ट्रांसफर लखीमपुर खीरी कर दिया गया।

पुलिस ने जारी की विवादों की सूची

इस ‘देशभक्त’ सिपाही के इतिहास पर जब पुलिस ने नजर डाली, तो सामने आई विवादों से भरी पूरी लिस्ट। पुलिस ने बताया कि

  • चमन सिंह: पांच आपराधिक मामलों में नामजद हैं।
  • वह तीन बार जेल जा चुके हैं।
  • अनुशासनहीनता के चलते कई बार निलंबित हो चुके हैं।
  • वेतन कटौती और विभागीय सजा भी भुगत चुके हैं।

दर्ज हैं यह आपराधिक मुकदमे

चमन सिंह पर रामपुर के सिविल लाइंस और कोतवाली थानों में कुल 5 केस दर्ज हैं:

  • पहला केस – 2022, सिविल लाइंस थाना
  • दूसरा केस – 2023, फिर सिविल लाइंस थाना
  • तीसरा केस – 2023, कोतवाली थाना
  • चौथा और पांचवां केस – 7 अप्रैल 2023, कोतवाली थाना

तीन बार जेल की सैर

  1. 20 फरवरी 2023 को पहली बार जेल भेजा गया, 15 मार्च 2023 को रिहा।
  2. 7 अप्रैल 2023 को दूसरी बार जेल गए, 20 अप्रैल को बाहर आए।
  3. तीसरी बार भी इसी तरह अनुशासनहीनता के चलते जेल गए थे।

डीजीपी को भी कर चुके हैं फोन

चमन सिंह की ड्यूटी एक बार अयोध्या में लगी थी, जहां उन्होंने डीजीपी को खुद फोन कर खाने-रहने की व्यवस्था की मांग की। जब उनका मेडिकल कराया गया, तो शरीर में अल्कोहल की पुष्टि हुई। इसी आधार पर निलंबन कर दिया गया और विभागीय जांच में दोषी पाकर परिनिन्दा प्रविष्टि से दंडित किया गया।

अनुशासनहीनता के अन्य मामले भी हैं दर्ज

  • 2021 में अयोध्या ड्यूटी से बिना कारण नदारद, निलंबन और सजा।
  • 2022 में जनता के साथ मारपीट, फिर निलंबित।
  • 2023 में थाना प्रभारी सिविल लाइंस से झगड़ा, मौके से फरार, निलंबन।

अब लखीमपुर खीरी को किया गया रवाना

इस पूरे मामले के बाद चमन सिंह को रामपुर से लखीमपुर खीरी स्थानांतरित कर दिया गया है। रामपुर पुलिस का कहना है कि चमन सिंह के व्यवहार और विवादों को देखते हुए पहले ही शासन को सूचना दे दी गई थी, जिसके बाद यह तबादला हुआ।

गौरतलब हो कि देशभक्ति की आड़ में जो कहानी बाहर आई, वह नियमों की अवहेलना, विवाद और अनुशासनहीनता से भरी पड़ी थी। युद्ध में जाने की इच्छा जताने वाले हेड कांस्टेबल की सच्चाई जब सामने आई, तो खुद पुलिस विभाग को भी उसकी विवादित छवि उजागर करनी पड़ी। अब इस पूरे मामले ने यूपी पुलिस की आंतरिक अनुशासन व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह भी पढ़ें : जेल की चारदीवारी के भीतर उम्मीद सँग सेहत की नई हवा: जिला कारागार में ‘ओपन जिम’ की शुरुआत