ऑपरेशन सिंदूर के बाद JNU और तुर्की की INONU विश्वविद्यालय के बीच समझौता स्थगित

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैप्पीमाॅन जैकब जो भारत की विदेश नीति के बारे में पढ़ाते हैं। उन्होंने लिखा है कि ऑपरेशन सिंदूर एक मैसेज है, जो भारत सरकार किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद JNU और तुर्की की INONU विश्वविद्यालय के बीच समझौता स्थगित 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और तुर्की की इनोनू विश्वविद्यालय के बीच समझौता स्थगित कर दिया गया है।

जेएनयू ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है, यह जानकारी विश्वविद्यालय के एक्स हैंडल के माध्यम से दी गई है।

जेएनयू अपने मजबूत शैक्षणिक कार्यक्रमों और विविधतापूर्ण छात्र निकाय के लिए लंबे समय से दुनिया भर के विश्वविद्यालयों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग में जुड़ा हुआ संस्थान रहा है।

विश्वविद्यालय ने विभिन्न देशों के विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी बनाए रखी है।

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जेएनयू के एक्स हैंडल पर पोस्ट किया गया, राष्ट्रीय सुरक्षा से जेएनयू और इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्की के भी समझौता ज्ञापन को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है।

देश के पास जवाब देने के कई तरीके 

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैप्पीमाॅन जैकब जो भारत के विदेश नीति के बारे में पढ़ाते हैं। उन्होंने लिखा है कि ऑपरेशन सिंदूर एक मैसेज है, जो भारत सरकार किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगी।

आतंकियों के ख़िलाफ़ हर हाल में कार्रवाई की जाएगी चाहे परिणाम कुछ भी हो। भारत अब छोटे स्तर के मिलट्री एक्शन के लिए लंबा वक्त नहीं देखा और कार्यवाही भी छोटे सरकार सीमित नहीं रहेगी।

देश के पास जवाब देने की कई तरीके हैं।

तुर्की के सामानों का बहिष्कार करने की बात कई व्यापारिक संगठनों ने कही है। इसमें कॉन्फेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स भी शामिल है।

तुर्की और अजरबेजान के साथ व्यापार बंद करने के मुद्दे पर अंतिम निर्णय आगामी 16 मई को कैट की तरफ से नई दिल्ली देश के प्रमुख व्यापारी नेताओं के एक राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया जाएगा।

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