पहलगाम हमले के बाद पहले जुमे पर लखनऊ में प्रदर्शन, कल्बे जवाद बोले – पहलगाम में तो केवल 26 लोग मरे, गाजा में 70,000 मारे गए

पहलगाम में बच्चे और औरतें नहीं मारे गए हैं। लेकिन गाजा में बच्चों और औरतों की भी जान ले गई है। मौलाना ने कहा है कि जो भी देश में इस समय हिंदू और मुसलमान को तोड़ने की कोशिश कर रहा है वह सारे पाकिस्तानी एजेंट है। चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान। इस दौरान लोगों ने आतंकवाद पाकिस्तान और पाकिस्तानी आर्मी के ख़िलाफ़ नारेबाजी भी की।

पहलगाम हमले के बाद पहले जुमे पर लखनऊ में प्रदर्शन , कल्बे जवाद बोले – पहलगाम में तो केवल 26 लोग मरे, गाजा में 70,000 मारे गए 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : लखनऊ ,उत्तर प्रदेश ।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहले जुमे पर बड़ा इमामबाड़ा के आसिफी मस्जिदों में लोगों को श्रद्धांजलि दी गई है।

पाकिस्तान का विरोध भी किया गया है। वहीं, पहलगाम हमले की बराबरी गाजा में इजरायल के ऑपरेशन से की गई।

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा है कि पहलगाम में तो केवल 26 लोगों की मौत हुई है, लेकिन गाजा में तो 70,000 लोग इसराइल के हमले में मारे गए हैं।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ की नारेबाजी 

कल्बे जवाद ने कहा, पहलगाम में बच्चे और औरतें नहीं मारी गई है, लेकिन गाजा में बच्चों और औरतों की भी जान ली गई है।

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मौलाना ने कहा है कि जो भी देश में इस समय हिंदू और मुसलमान को तोड़ने की कोशिश कर रहा है, वह सारे पाकिस्तानी एजेंट है, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान।

इस दौरान लोगों ने आतंकवाद, पाकिस्तान और पाकिस्तानी आर्मी के ख़िलाफ़ नारेबाजी भी की।

“मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद की ओर से मौलाना कल्बे जवाद नकवी का नेतृत्व “

 

आतंकियों ने जान – बूझकर पूछा धर्म 

मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादियों ने जान – बूझकर लोगों को मारने से पहले धर्म पूछा, ताकि भारत में हिंदू – मुसलमान के बीच टकराव हो सकें।

वहां एक मुस्लिम ने कई हिंदुओं की जान बचाई थी।

उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू – मुसलमान हमेशा एक है और एक रहेंगे। पाकिस्तान में जो लोग भी इस घटना के लिए जिम्मेदार है, उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

ऐसा एक्शन होना चाहिए कि वह दोबारा ऐसी कोई कार्यवाही न कर सकें।

मजलिस-ए- उलेमा- ए- हिंद की ओर से मौलाना कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में जुम्मे की नमाज के बाद आसिफी मस्जिद में विरोध प्रदर्शन किया गया।

आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई हैं।

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