बहराइच में मां-बेटे की ट्रेन से दर्दनाक मौत: कांग्रेस नेता ने उठाई रेलवे प्रशासन पर कार्रवाई की मांग… देखें Video
रेलवे अंडरपास की मांग को लेकर 23 जून को रेलपथ सत्याग्रह और सांसद आवास घेराव की चेतावनी, कांग्रेस नेता विनय सिंह का तीखा हमला
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शक्ति सिंह : बहराइच। यूपी के बहराइच जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां रेलवे अंडरपास के अभाव और अधूरे फ्लाईओवर के चलते एक मां और उसके मासूम बेटे की ट्रेन की चपेट में आकर दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा बहराइच लोकसभा सांसद के आवास से महज कुछ दूरी पर हुआ, जिसने न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस नेता विनय सिंह ने इस दुर्घटना के लिए सीधे तौर पर रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कई कड़े कदम उठाने की मांग की है।

रेलवे अंडरपास न होने और अधूरे फ्लाईओवर के कारण बहराइच में एक मां और उसका मासूम बेटा ट्रेन की चपेट में आ गए। यह दिल दहला देने वाली घटना लोकसभा सांसद के आवास से कुछ ही दूरी पर हुई, जिसने पूरे शहर को झकझोर दिया है।
कांग्रेस नेता विनय सिंह ने इस दर्दनाक घटना के लिए रेलवे प्रशासन को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जब सांसद के आवास के पास इतना बड़ा हादसा हो सकता है, तो बाकी क्षेत्र की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने इस हादसे में मृतक मां-बेटे के परिजनों को दस-दस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
विनय सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 20 दिनों के भीतर 41C रेलवे क्रॉसिंग को पुनः चालू नहीं किया गया या अंडरपास नहीं बनाया गया, तो आगामी 23 जून 2025 को ‘रेलपथ सत्याग्रह’ और क्षेत्रीय सांसद के आवास का घेराव किया जाएगा।
जनता की अनसुनी आवाज
विनय सिंह ने बताया कि बक्शीपुरा, कैलाश नगर, चांदमारी, घोसिनबाग और पलरी बाग जैसे इलाकों के लोगों ने बार-बार रेलवे प्रशासन से अंडरपास या क्रॉसिंग खोलने की मांग की, धरना-प्रदर्शन किए, यहां तक कि सांसद आवास पर जाकर भी गुहार लगाई — लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधि दोनों ने चुप्पी साधे रखी।
उन्होंने कहा कि यह न केवल प्रशासन की लापरवाही है, बल्कि आम जनता के जीवन से खिलवाड़ भी है। उन्होंने कहा, “रेल मंत्रालय के परामर्शदात्री समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य और पूर्वोत्तर रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति के सदस्य होने के बावजूद, सांसद महोदय इस गंभीर विषय पर चुप हैं।”
हर दल के नेताओं ने उठाई आवाज, फिर भी नतीजा शून्य
विनय सिंह ने बताया कि कांग्रेस ही नहीं, सपा, बसपा और यहां तक कि स्थानीय भाजपा नेताओं ने भी इस मुद्दे को उठाया, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे दलगत भावना से ऊपर उठकर इस जनहित के मुद्दे पर एकजुट हों।
गौरतलब हो कि यह मामला सिर्फ एक हादसा नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि किस तरह बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी आम लोगों की जान ले रही है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हैं या फिर 23 जून को शहर एक और जनांदोलन का गवाह बनेगा।