पाकिस्तान को हुआ था भयंकर नुकसान, वहीं के दस्तावेज़ में हुआ था खुलासा
पाकिस्तान के दस्तावेज़ में जिन सात जगहों का जिक्र किया गया है वह कुछ इस प्रकार है - खैबर पख्तुनख्वा में पेशावर, अटक, बहावलनगर, पंजाब के गुजरात और झांग, सिंध के छोर और हैदराबाद है। भारतीय सेवा ने जब ब्रीफिंग की थी, तब इनको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई थी।
पाकिस्तान को हुआ था भयंकर नुकसान , वहीं के दस्तावेज़ में हुआ खुलासा
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने जिन जगहों पर हमले किए थे, उससे पाकिस्तान को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। इसके बारे में अभी तक पूरी जानकारी निकल कर नहीं आई है।
खबर के मुताबिक, जब तक पाकिस्तान को नए नुकसान की जितनी जानकारी सामने आई थी, उससे कहीं अधिक क्षति पाकिस्तान को पहुंची है।
इसका खुलासा खुद पाकिस्तानी के सरकारी दस्तावेज़ में किया गया है। यह दस्तावेज़ ऑपरेशन बनियान उम मरसूस के ऊपर तैयार किया गया हैं।
पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन सिंदूर के काउंटर में चलाया था। इन जगहों के बारे में भारतीय प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी नहीं दी गई थी। उस समय यह जानकारी सामने नहीं आई थी।
यह हमने 8, 9 और 10 मई को किए गए थे। पाकिस्तान के दस्तावेज़ में जिन सात जगहों का जिक्र किया गया है, वह कुछ इस प्रकार है – खैबर पख्तुनख्वा में पेशावर, अटक, बहावलनगर, पंजाब के गुजरात और झांग, सिंध के छोर और हैदराबाद है।
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भारतीय सेना ने जब ब्रीफिंग की थी, तब इनको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई थी।
अब जो जानकारी सामने आई है, उनमें नुकसान होने वाले स्पेस्फिक जगहों की जानकारी नहीं दी गई है। अटक में पाकिस्तान का नेशनल डिफेंस काॅम्प्लेक्स स्थित है।
बहावलनगर में आर्मी कैंटोनमेंट है। गुजरात में पाकिस्तान का सबसे बड़ा कैंटोनमेंट है। झांग में शोरकोट कैंटोनमेंट है। इसके पास रफीकी एयरबेस है। जिस पर हमला किया गया है। छोर में पाकिस्तान आर्मी डेजर्ट वारफेयर स्कूल है और हैदराबाद में सेना का कैंटोनमेंट है।
7 मई को भारतीय एयरफोर्स ने,
बहावलपुर के मरकज सुभानल्लाह और मुरिदके के मरकज तैयबा पर हमला किया था।
दोनों ही एरिया पंजाब में है।
7 मई को ही इंडियन आर्मी ने सियालकोट के मेहमूना जोया,
मुजफ्फराबाद के सवाई नाला और सैयद ना बिलाल,
कोटली के गुलपुर और अब्बास,
भिंबर के बरनाला और सर्जल के आतंकी ठिकानों पर हमला किया था।
इनमें से मरकज सुभानल्लाह कैंप भारतीय सीमा की सबसे दूर था। इसकी दूरी करीब 100 किलोमीटर थी। यह जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर है।
यहां से आतंकवादी को ट्रेनिंग दी जाती है और उनका ब्रेनवाश किया जाता है। इसी तरह से मरकज तैयबा में लश्कर का हेडक्वार्टर है। इसे हाफिज सईद ने तैयार किया था। यहां से प्रशिक्षित आतंकवादी को मुंबई हमले के लिए तैयार किया गया था।
अजमल कसाब यहीं से निकला था। डेवली – हेडली को भी यही ट्रेंड किया गया था।
इन हमलों से घबराकर पाकिस्तान ने सीजफायर की अपील कर दी थी।
भारत के सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि इस ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को कितना नुकसान पहुंचा है, इसे एक उदाहरण से समझिए।
उन्होंने कहा,” मान लीजिए कि आप क्रिकेट टेस्ट मैच खेलने जाते हैं, और आप पारी से हराकर जीत दर्ज़ करते हैं, तो इसमें यह सवाल ही नहीं उठता कि आपने कितने विकेट लिए, कितनी गेंदे खेली। यह एक पारी की हार हैं।”
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