भारत के एक्शन से टूटी पाकिस्तान की अकड़: पहलगाम आतंकी हमले की जांच को तैयार, चीन से मांगी मदद
भारतीय फैसलों के बाद बौखलाया पाकिस्तान, चीन के दरवाजे लगाई गुहार
इस्लामाबाद। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बेहद सख्त रवैया अपनाया है। भारत के कड़े फैसलों ने पाकिस्तान की सारी अकड़ निकाल दी है। अब पाकिस्तान न केवल पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच के लिए तैयार होने की बात कर रहा है, बल्कि घबराकर चीन से मदद भी मांग रहा है। एक तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बातचीत और जांच की बात कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनके डिप्टी प्रधानमंत्री और मंत्री लगातार उटपटांग बयान देकर अपनी बौखलाहट जाहिर कर रहे हैं।
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भारत के फैसले से मचा पाकिस्तान में हड़कंप
इतना ही नहीं, भारत ने पाक उच्चायोग में तैनात रक्षा सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर एक हफ्ते में देश छोड़ने को कहा है। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन कड़े कदमों को मंजूरी दी। इसके साथ ही दोनों देशों के उच्चायोगों में स्टाफ की संख्या भी 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी।
जांच के लिए तैयार होने का दिखावा कर रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने काकुल स्थित मिलिट्री अकादमी की पासिंग आउट परेड में कहा, “पहलगाम हमला दोषारोपण की राजनीति का एक और उदाहरण है, जिसे अब खत्म होना चाहिए। पाकिस्तान किसी भी तटस्थ और पारदर्शी जांच के लिए तैयार है।”
हालांकि, भारत का साफ कहना है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले मुल्क के ऐसे बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
चीनी राजदूत से मदद की गुहार
भारत के आक्रामक कदमों से घबराया पाकिस्तान अब चीन के दरवाजे पर मदद मांगने पहुंचा है। इस्लामाबाद में पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने चीनी राजदूत जियांग जेड से मुलाकात की। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने चीन से राजनयिक और रणनीतिक समर्थन की अपील की है।
पानी के मुद्दे पर पाकिस्तान की बौखलाहट

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने परमाणु हथियारों की धमकी दी, वहीं डिप्टी पीएम इशाक डार ने आतंकियों को ‘स्वतंत्रता सेनानी’ बताकर पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर कर दिया।
भारत ने ठोकी सख्त चेतावनी
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सख्त चेतावनी दी, “हम हमलावरों के साथ-साथ उनके साजिशकर्ताओं को भी सजा देंगे।”
भारत ने साफ कर दिया है कि अब आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ सीधे कड़े एक्शन लिए जाएंगे।
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