85,000 करोड़ से अधिक की लागत से विभिन्न रेल परियाजनाओं का शिलान्यास करेंगे पीएम नरेन्द्र मोदी
एक स्टेशन एक उत्पाद‘ आउटलेट- भारतीय रेल के स्टेशनों पर स्थापित रू. 160 करोड़ की लागत से 1,500 से अधिक एक स्टेशन एक उत्पाद के स्टॉल का किया जायेगा लोकार्पण
ओमप्रकाश भास्कर, मंडल क्राइम रिपोर्टर :कुशीनगर/गोरखपुर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 मार्च, 2024 को रू. 85,000 करोड़ से अधिक की लागत से विभिन्न रेल परियाजनाओं (लगभग 6,000) का शिलान्यास/उद्घाटन/लोकार्पण करेंगे तथा 10 नई वंदे भारत एवं 04 वंदे भारत एक्सप्रेस के मार्ग विस्तार तथा अन्य ट्रेनों का शुभारम्भ करेंगे।
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‘एक स्टेशन एक उत्पाद‘ आउटलेट- भारतीय रेल के स्टेशनों पर स्थापित रू. 160 करोड़ की लागत से 1,500 से अधिक एक स्टेशन एक उत्पाद के स्टॉल का लोकार्पण किया जायेगा। इसमें पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर स्थापित 54 स्टॉल सम्मिलित हैं। इस अवसर पर विभिन्न स्टेशनों 14 श्रेणियों के 6,00,000 विश्वकर्मा प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से सीधे जुड़ेंगे।
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में पड़ने वाले भटनी जं. एवं देवरिया सदर रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 12 मार्च,2024 मंगलवार को सुबह आठ बजे बटन दबाकर वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से करेंगे । इस अवसर पर भटनी जं एवं देवरिया सदर रेलवे स्टेशनों पर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि गण,गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय जनता की भागीदारी भी होगी । ज्ञातव्य हो एक उत्पाद योजना के अंतर्गत भटनी जं पर हैंडीक्राफ्ट डेकोरेटिव आइटम व बर्फी एवं देवरिया सदर स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट डेकोरेटिव आइटम व फल का स्टॉल लगाया गया है जिससे यात्रियों को स्टेशन पर सजावटी सामान एवं अल्प आहार उपलब्ध हो रहा है ।
रेल मंत्रालय ने भारत सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल‘ दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार प्रदान करने और हाशिए पर रहने वाले समाज के वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट‘ (ओएसओपी) योजना शुरू की है।
इस योजना का उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउटलेट के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करना है। योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउटलेट के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हारों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करना है।
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