रेलवे कर्मचारी : अब दुर्घटना में मौत पर मिलेंगे एक करोड़, नहीं देना होगा कोई प्रीमियम
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक वर्मा ने बताया है कि यह सुविधा सभी रेलवे कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है। यह सुविधा सभी रेलवे कर्मचारियों के लिए है। चाहे उनकी मौत रेल हादसे में हो या किसी अन्य दुर्घटना में हो।
रेलवे कर्मचारी : अब दुर्घटना में मौत पर मिलेंगे एक करोड़ रुपए, नहीं देना होगा कोई प्रीमियम
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली।
देश के 12 लाख से अधिक रेलवे कर्मचारियों व उनके परिवारों के लिए बड़ी खबर है। अब यदि किसी रेलवे कर्मचारी की मौत कार्य स्थल पर या किसी भी तरह के हादसे में होती है, तो उनके परिजनों को एक करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इस सुविधा के लिए कर्मचारियों को कोई प्रीमियम नहीं भरना होगा। इस योजना के तहत पहली बार मुरादाबाद मंडल के कर्मचारी सुशील लाल की निधन के बाद उनके परिजनों को एक करोड़ की राशि प्रदान की गई है।
इस राशि का चेक दिल्ली के बडौदा हाउस स्थित उत्तर रेलवे मुख्यालय में उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक का अशोक वर्मा रेलवे अधिकारियों को और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के प्रतिज्ञा की उपस्थिति में मृतक कर्मचारियों की पत्नी प्रिया सिंह को शुक्रवार को सौंपा गया।
यह कदम न सिर्फ आर्थिक सहायता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि रेलवे अब अपने कर्मचारियों की सुरक्षा अधिक गंभीर हो गया है।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक वर्मा ने बताया है कि यह सुविधा सभी रेलवे कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है। चाहे उनकी मौत रेलवे हादसे में हो या किसी अन्य दुर्घटना में हो। इस लाभ के लिए कर्मचारियों को किसी बीमा पॉलिसी के तहत प्रीमियम जमा करने की जरूरत नहीं है।
यह भी पढे़ – किसानों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, ₹5000 पेंशन और कर्ज माफी समेत 6 मांगे की
इसके बजाय होने के बाद यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका वेतन खाता सैलरी पैकेज अकाउंट के रूप में रजिस्टर्ड हो। रेलवे ने देश भर के सभी प्रमुख बैंकों के साथ एग्रीमेंट साइन किए हैं। इस एग्रीमेंट के तहत यदि किसी कर्मचारी का खाता इन बैंकों में सैलरी अकाउंट के रूप में कन्वर्ट किया गया हो तो बैंक की ओर से एक्सीडेंट इंश्योरेंस के तहत मृत्यु की स्थिति में एक करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी।
मुरादाबाद मंडल बना पहला उदाहरण
मुरादाबाद मंडल के सुशील लाल की मृत्यु के बाद इस योजना के तहत पहली बार मंत्र के परिवार को एक करोड़ रुपए की रकम दी गई।
कर्मचारी का खाता स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में था और एसबीआई की ओर से उनके परिवार की हर संभव मदद भी की गई है। इसमें फॉर्म भरने से लेकर क्लेम प्रक्रिया को पूरा कराने तक, महज 1 महीने में एक करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी गई, जिससे सुशील लाल के परिवार को एक बड़ी राहत मिली है।
सुशील की पत्नी प्रिया ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं। 8 साल की बेटी और एक 5 साल का बेटा है। उनके पति रेलवे में लोको पायलट थे। ड्यूटी पूरी करने के बाद वह ट्रेन से उतर रहे थे इस दौरान वह गिर गए। अस्पताल में इलाज के दौरान बट 11 मार्च को उनकी मौत हो गई थी।
कर्मचारियों को जागरूक करने के प्रयास
रेलवे ने इस योजना की जानकारी हर कर्मचारी तक पहुंचाने का प्रस्ताव किया। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक वर्मा ने बताया है कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन रेलवे मेंस जैसे यूनियन के माध्यम से योजना का प्रचार प्रसार किया जाएगा।
इसके साथ ही रेलवे स्टेशनों, कार्यालय और मंडलों में सूचनात्मक पोस्टर भी लगाए जाएंगे, जिससे ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी इस योजना से जुड़ सके।
कर्मचारियों के हित में एक मजबूत कदम
रेलवे के बड़ी संख्या में कर्मचारियों की नौकरी प्रकृति में जोखिम भरी होती है। ट्रैक पर काम करते समय, याद में या तकनीकी कार्य के दौरान दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है।
ऐसे मैं यह योजना न सिर्फ एक पिक्चर सहायता है बल्कि कर्मचारियों के परिवार को यह विश्वास भी दिलाता है कि अगर कोई अनहोनी होती है तो रेलवे और सरकार उनके साथ खड़े हैं।
इस योजना को लागू करके रेलवे में साबित किया है कि ब्याज में कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए सजग है। अब उन्हें बीमा सुरक्षा के लिए निजी पॉलिसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
यह भी पढे़ – अग्निवीर भर्ती : लिखित परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को ईमेल पर भेजें प्रवेश पत्र, इस बार सबसे ज्यादा अभ्यर्थी