RBI ने दी खुशखबरी, ब्याज दरों में 0.50% की कटौती, महंगाई 3.7 फ़ीसदी रहने का अनुमान

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 जून को कहा कि केंद्रीय बैंक में इस साल जनवरी से अब तक 9.5 लाख करोड़ रुपए की टिकाऊ लिक्विडिटी डाली हैं।

RBI ने दी खुशखबरी, ब्याज दरों में 0.50% की कटौती, महंगाई 3.7 फीसदी रहने का अनुमान 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली। 

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक बड़ी राहत देते हुए नीतिगत रेपो दर में 50 आधार अंकों के कटौती की घोषणा की, जोकि सर्वेक्षणों में की गई, जो भविष्यवाणी से कहीं अधिक है। 

विकास को समर्थन देने के लिए एमपीसी द्वारा अग्रिम ब्याज दर में कटौती की गई हैं। रेपो रेट कटौती के बाद इसे 5. 50 फीसदी कर दिया गया हैं। एमपीसी ने अपना रूख   “एडजेस्टेबल” से बदलकर  “न्यूट्रल”  कर लिया है।

RBI 4 किस्तों में CRR (कैश रिजर्व रेशियों) में सौ आधार अंकों की कटौती करेगा, जो चार फीसदी से घटकर तीन फीसदी रह जाएंगा, यह सितंबर 2025 से प्रभावित होंगा।

वित्त वर्ष 2026 में मुद्रास्फीति पहले के 4 फीसदी के मुकाबले अब 3.7 फीसदी रहने का अनुमान बताया है।

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RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 जून को कहा कि केंद्रीय बैंक में इस साल जनवरी से अब तक 9.5 लाख करोड़ रुपए की टिकाऊ लिक्विडिटी डाली हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने के माल आयात को कवर करने तथा 96 फीसदी बकाया विदेशी लोन को चुकाने में सक्षम हैं।

वित्त वर्ष 2026 में वास्तविक जीडीपी 6.5% रहने का अनुमान हैं।

💢  6.5%

💢  6.7%

💢  6.6%

💢  6.3%

RBI MPC UPDATE 

गवर्नर ने कहा कि कृषि क्षेत्र मजबूत बना हुआ है, फसल बहुत अच्छी रही हैं। निजी खपत में लगातार वृद्धि के साथ स्वस्थ बनी हुई है।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सेवा क्षेत्र में गति बरकरार रहने की उम्मीद हैं।

” गैर – तेल, गैर – सोने”  के आयात में दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज़ की गई हैं। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति नरम दिख रही है, लेकिन कोर मुद्रास्फीति भी सौम्य दिख रही है।

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई लक्ष्य मार्जिन से कम रहने की संभावना हैं। वैश्विक पृष्ठभूमि नाज़ुक और अत्यधिक का अस्थिर बनी हुई हैं।

मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निवेशकों के लिए अपार अवसर देती हैं।

MPC ने पहले ही रेपो दर कटौती कर दी है। वह दर जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को उधार देता है और जो सीधे उधारकर्ताओं के लोन EMI को प्रभावित करता है।

फरवरी 2025 से संचयी रूप से 50 आधार अंकों तक की कटौती की हैं।

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