राज्यकर्मी का दर्जा और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर ग्रामीण आवास कर्मियों ने सौंपा 16 सूत्रीय मांग पत्र… देखें Video

भागलपुर में डीएम को सौंपा गया ज्ञापन, नियमित मानदेय और सेवा स्थायित्व की मांग, आंदोलन की चेतावनी

  • राज्यकर्मी का दर्जा और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर ग्रामीण आवास कर्मियों ने सौंपा 16 सूत्रीय मांग पत्र
  • भागलपुर में डीएम को सौंपा गया ज्ञापन, नियमित मानदेय और सेवा स्थायित्व की मांग, आंदोलन की चेतावनी

रिपोर्ट: अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। राज्य के ग्रामीण आवास सहायकों, पर्यवेक्षकों और प्रखंड लेखापालों ने अपने हक और स्थायित्व को लेकर अब सीधा मोर्चा खोल दिया है। सगासा संघर्ष समन्वय समिति, बिहार के बैनर तले इन कर्मियों ने सोमवार को भागलपुर के जिलाधिकारी को 16 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।

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Rural housing personnel handed over the 16 -point demand letter to demand the status of state worker and social security ... see VIDEO

मांग पत्र में कहा गया है कि ये कर्मी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा नहीं दिया गया है। इसके अलावा मानदेय में कोई नियमित वृद्धि नहीं दिया जा रहा, और न ही इन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है।

जानिए क्या हैं मुख्य मांगें?

  • ग्रामीण आवास कर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए।
  • सेवा स्थायीकरण, सेवा पुस्तिका और सेवा शर्तें तय की जाएं।
  • मानदेय में हर साल न्यूनतम 10% बढ़ोतरी हो।
  • पेंशन, बीमा और चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं।
  • सेवा समाप्ति की प्रक्रिया में स्पष्ट नियम हों, बिना जांच सेवा समाप्त न हो।
  • हर 3 साल में मानदेय पुनरीक्षण अनिवार्य किया जाए।

क्या बोले आंदोलित कर्मी?

ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक हेमंत कुमार ने बताया कि “हम लोग दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन हमें न नौकरी की सुरक्षा है, न भविष्य का भरोसा। सरकार से अपील है कि हमारी सेवा को स्थायी किया जाए।”

Rural housing personnel handed over the 16 -point demand letter to demand the status of state worker and social security ... see VIDEOपर्यवेक्षक राम विजन कुमार ने चेतावनी दी, “यदि सरकार ने जल्द हमारी मांगें नहीं मानीं तो हमें मजबूरन राज्यव्यापी आंदोलन करना पड़ेगा।”

संघर्ष की चेतावनी

संघर्ष समिति ने स्पष्ट कहा है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाया गया तो पूरे बिहार में धरना-प्रदर्शन और आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। समिति ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना की सफलता इन कर्मियों पर निर्भर है, इसलिए इन्हें उपेक्षित नहीं किया जाना चाहिए।

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