सहारनपुर से हिला देने वाली घटना, बलात्कार पीड़िता को न्याय नहीं, बल्कि धमकी, धर्मांतरण का दबाव और पुलिस की क्रूरता मिली!

26 अप्रैल 2025 को पीड़िता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार, लखनऊ पहुंची। वहां पर अधिकारियों ने उसका आवेदन लेकर सहारनपुर पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिए। लेकिन हुआ इसके विपरीत- पुंवारका चौकी इंचार्ज रामवीर शाक्य उसे लखनऊ से जबरन सहारनपुर लाकर इस गांव में छोड़ देता है, जहां उसके साथ दुष्कर्म हुआ था और जहां उसकी जान को खतरा है।

सहारनपुर से हिला देने वाली घटना , बलात्कार पीड़िता को न्याय नहीं , बल्कि धमकी , धर्मांतरण का दबाव और पुलिस की क्रूरता मिली!

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : सहारनपुर , उत्तर प्रदेश।

💢 बलात्कार, पुलिस अत्याचार, धार्मिक उत्पीड़न और सिस्टम की असंवेदनशीलता  – सब एक ही मामले में उजागर!

💢 मुख्यमंत्री दरबार तक गई पीड़िता की चीखें भी रहीं बेअसर!

💢 ग्राम प्रधान से लेकर पुलिस तक की मिली-भगत पर गंभीर सवाल!

💢 क्या अब भी आंखें मूंदे रहेगा प्रशासन ?

✍️…. पूरा मामला विस्तार से….

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के घानाखंडी गांव में एक युवती सोनू रानी ने अपने साथ हुए गैंग रेप, जान से मारने की धमकी, धार्मिक उत्पीड़न और सरकारी उपेक्षा को लेकर जो आरोप लगाए हैं, वह पूरे शासन और न्याय व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए काफी है। 

पीड़िता ने बताया कि 13 सितंबर 2024 को गांव के ही तीन युवकों –

  1. फरमान पुत्र शौकत
  2. सलमान पुत्र गुलज़ार
  3. पीरू उर्फ वसीम पुत्र हसीन

इन तीनों ने मिलकर उसके साथ बलात्कार किया।

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इसके बाद पीड़िता 14 सितंबर से लगातार थाना देहात, पुंवारका चौकी, एसएसपी कार्यालय, मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायतें करती रहीं, लेकिन कहीं भी उसकी आवाज नहीं सुनी गई।

मुख्यमंत्री जनता दरबार से भी नाकामी

26 अप्रैल 2025 को पीड़िता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार, लखनऊ पहुंची। वहां पर अधिकारियों ने उसका आवेदन लेकर सहारनपुर पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिए।

लेकिन हुआ इसके विपरीत – पुंवारका चौकी इंचार्ज रामवीर शाक्य उसे लखनऊ से जबरन सहारनपुर लाकर इस गांव में छोड़ देता है, जहां उसके साथ दुष्कर्म हुआ था और जहां उसकी जान को ख़तरा है।

सिर्फ यही नहीं, रामवीर शाक्य ने रास्ते में गाड़ी में पीड़िता से मारपीट और दुर्व्यवहार भी किया।

धर्म परिवर्तन का दबाव और सामाजिक बहिष्कार 

गांव में बिजली की सप्लाई काट दी गई है, ताकि पीड़िता गांव छोड़ दें। जब वह बिजली कनेक्शन के लिए गई तो ग्राम प्रधान ने साफ कहा – अगर तू सिर पर दुपट्टा रखेंगी, नमाज पढ़ेगी, तभी तुझे बिजली का कनेक्शन और गांव में रहने की इजाज़त मिलेगी।

इस बयान ने उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के ख़िलाफ़ बनाए गए कानून की धज्जियां उड़ा दी।

27 अप्रैल को एक बार फिर पीड़िता के साथ मारपीट होती है। जिसकी सूचना एसएसपी कार्यालय और 112 डायल सेवा को दी जाती है, लेकिन मौके पर न कोई पुलिस पहुंचती है और ना ही कोई सुरक्षा मुहैया कराई जाती है।

यह पूरा घटनाक्रम यूपी पुलिस के कार्य प्रणाली और प्रशासन की संवेदनशीलता पर गहरे सवाल खड़े करता है।

अब देश जानना चाहता हैं…

💢 क्या सहारनपुर प्रशासन अब भी चुप रहेगा?

💢 क्या आरोपी युवकों पर अब तक FIR क्यों नहीं हुई?

💢 क्या एक हिंदू युवती से धर्मांतरण की मांग और बलात्कार के बाद भी पुलिस खामोश है?

💢 क्या चौकी इंचार्ज रामवीर शाक्य पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई?

💢 क्या एसएसपी सहारनपुर इस पूरे प्रकरण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे?

पीड़िता सोनू रानी की गुहार 

मैं बार-बार प्रशासन से मांग कर रही हूं।

ना मुझे सुरक्षा दी जा रही हैं, और ना ही न्याय दिया जा रहा है।

मैं गांव में खतरे में हूं। पुलिस खुद मारपीट करती है।

आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।

प्रधान मुझ पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है।

क्या अब मुझे मरने के बाद ही न्याय मिलेगा ?

पीड़िता का संपर्क……

सोनू रानी, पुत्री दयाराम।

निवासी : घानाखंडी , थाना कोतवाली देहात, सहारनपुर!

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