समितियां पर ताले, सरकारी बिक्री केंद्रों पर निर्धारित मूल्य ज्यादा दाम चुकाने को मजबूर।
अकबरपुर तहसील के अशरफपुर बरवां स्थित सहकारी केंद्र पर शनिवार को महिला व पुरुष किसान खाद पानी के लिए पहुंचे। लेकिन निराश होकर लौटना पड़ा। काफी देर तक किस लाइन में लग रहे लेकिन खाद नहीं मिल पाई।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार अंबेडकरनगर (उत्तर प्रदेश)। गेहूं चना मटर में सरसों की बुवाई के लिए किसान डीएपी खाद के लिए परेशान हैं। कहीं समितियों पर शनिवार को पहुंचे किसानों को लाइन में लगने के बाद भी निराश होकर वापस लौटना पड़ा। समितियां पर ताला लटका मिलने से निराशा किसानों ने कहा कि खाद की उपलब्धता तेजी सुनिश्चित कराई जाएं।
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गेहूं के साथ ही दलहन और तिलहन फसलों व आलू की बुवाई का दौर शुरू है। 119261 हेक्टेयर में गेहूं, 13551 हेक्टेयर में सरसों, 1682 हैक्टेयर में मटर तथा 408 हैक्टेयर में मंसूर बुवाई का लक्ष्य है। आलू समेत अन्य फसलों के लिए भी किसान बड़े पैमाने पर बुवाई करते हैं। बेहतर उत्पादन के लिए किसानों को इस समय खेतों में डीएपी का प्रयोग करना है। यह खाद किसानों का आसानी से नहीं मिल पा रही हैं।
अकबरपुर तहसील के अशरफपुर बरवां स्थित सहकारी केंद्र पर शनिवार को महिला व पुरुष किसान खाद पाने पहुंचे, लेकिन निराश होकर लौटना पड़ा। यह काफी देर तक किसान लाइन में लगे रहे। लेकिन खाद नहीं मिल पाई। भियांव दुल्हूपुर सहकारी समिति, अरईपुर सहकारी समिति समय अन्य समितियों में ताला लटका देख किसान बैरंग लौट गए। सहकारी संघ कटेहरी पर डीएपी 1370 पर खाद तो उपलब्ध थी कि मनी राम विनोद यादव समेत दर्जनों लोगो ने मीडिया करने को बताया कि यहां खाद तो उपलब्ध है पर मूल्य से ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहा है।
प्रतापपुर चमुखा कटेहरी में तकनीकी समस्या थी और काफी देर बाद वितरण हो पाया। वहीं बी पैक्स असाइतपुर में खाद तो मौजूदा है परंतु सचिव के उपस्थित न रहने के कारण यहां से भी किसानों को निराश होकर लौटना पड़ा।
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कागजों में आंकड़े सुहावने, हकीकत इतर…………..
खाद की उपलब्धता को लेकर आंकड़ों की बात करें तो स्थिति बेहतर नजर आती है। यह बात अलग है कि किसान खाद के लिए परेशान है। जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय कहते हैं कि नवंबर माह का लक्ष्य 5150 मीट्रिक टन है, इससे अधिक 5210 मीट्रिक टन खाद मिल चुकी है। 1151 मीट्रिक टन का वितरण कर दिया गया है। अयोध्या में रैक से भी खाद मिल गई है। एआर और ऑपरेटिव राघवेंद्र प्रताप शुक्ला ने बताया कि 90 समितियां पर डीएपी वह एनपीके खाद उपलब्ध है। आठ समिति नहीं चल रही है। खाद को लेकर किसानों को कोई दिक्कत नहीं है। आठ समिति पर खाद भेजी जा रही है।
खाद मिले तो बने भी बात। रफीगंज के राजित राम राजभर कहते हैं कि परिश्रम कर हमने फसल तो लगा दी। अब खाद की जरूरत है तो भटकना पड़ रहा है। प्रशासन को समय रहते खाद का प्रबंध कर लेना चाहिए था। गोविंद गणेशपुर अतिका के आनंद त्रिपाठी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष इसी तरह की दिक्कत होती है। यह स्थिति ठीक नहीं है। किसनों की सुध न जाने क्यों समय रहते नहीं ली जाती है।