सपा सांसद के बयान पर भड़के राजा भैया, कहा – अब समय आ गया है जब इतिहास का सच फिर लिखा जाएं
राजा भैया ने इस मौके पर तुष्टिकरण की राजनीति पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ या तष्टीकरण के चलते हमारे महान नायकों को खलनायक और गद्दार खाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि औरंगजेब जैसे अत्याचारी शासक को महिमा मंडित करने के लिए कुछ लोग अपने ही नायकों का अपमान कर रहे हैं। राजा भैया ने कहा कि राणा सांगा और देशभक्ति और राष्ट्रवादियों द्वारा हमेशा याद किया जाएंगा और उनका सम्मान किया जाएंगा।
सपा सांसद के बयान पर भड़के राजा भैया, कहा – अब समय आ गया है जब इतिहास का सच फिर लिखा जाएं
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के बयान पर राजनीति तेज हो गई है। रामजी लाल सुमन ने हाल ही में राणा सांगा के बारे में एक विवादित टिप्पणी की थी। जिस पर कुंडा के विधायक राजा भैया ने प्रतिक्रिया दी है। राजा भैया ने कहा कि राज्यसभा में की गई टिप्पणी हर देशभक्त और राष्ट्रवादी के लिए अत्यधिक पीड़ा दायक भी है।
राजा भैया ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी और लिखा कि राणा सांगा, जिन्हें हम राणा सांगा के नाम से जानते हैं, अपनी जिंदगी में कई महत्वपूर्ण लड़ाइयां लड़ी और राष्ट्र व धर्म की रक्षा के लिए कई बार विजय प्राप्त की।
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राजा भैया ने बताया कि राणा सांगा , महाराणा होते हुए भी हमेशा युद्ध की अग्रिम पंक्ति में रहते थे। उनके शरीर पर 80 से अधिक घाव थे। एक आंख और एक हाथ भी उन्होंने खो दिए, लेकिन उनके शरीर पर कभी भी पीठ पर कोई घाव नहीं आया।
राजा भैया ने इस मौके पर तुष्टिकरण की राजनीति पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ या तुष्टीकरण के चलते हमारे महानायक को खलनायक और गद्दार कहने में लगे हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह देश दुर्भाग्य है कि औरंगजेब ज्यादा अत्याचारी शासक को महिमा मंडित करने के लिए कुछ लोग अपने ही नायकों का अपमान कर रहे हैं। राजा भैया ने कहा कि राणा सांगा को देशभक्तों और राष्ट्रवादियों द्वारा हमेशा याद किया जाएंगा, और उनका सम्मान किया जाएंगा।
राजा भैया ने अपने पोस्ट में यह लिखा है कि औरंगज़ेब, जिसने अपने पिता को कैद किया और अपने भाइयों को मार कर कुत्तों को खिला दिया, उसे सम्मानित करने वाले लोग अपने ही महान नायकों के गौरव के इतिहास को नकार रहे हैं। उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि जब इतिहास की सच्चाई को फिर से लिखा जाएं।
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