सिंधु जल संधि निलंबित करने के बाद भारत की कार्यवाही, 06 परियोजनाओं पर तेज़ी से होंगा कार्य
जानकारी के मुताबिक, इन छह परियोजनाओं के पूरा होने पर जम्मू कश्मीर में 10,000 मेगावाट तक बिजली पैदा हो सकेगी और मैदान इलाकों में सिंचाई और घरेलू खपत के लिए अधिक पानी उपलब्ध हो सकेगा। अगर सिंधु जल संधि अभी भी लागू होती, तो भारत को निर्माण शुरू करने से पहले पाकिस्तान को 6 महीने का नोटिस देना पड़ता।
सिंधु जल संधि निलंबित करने के बाद भारत की कार्यवाही , 6 परियोजनाओं पर तेज़ी से होंगा कार्य
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली ।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत में 24 अप्रैल को 2025 को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इस फैसले के एक सप्ताह बाद, भारत में दो पनबिजली परियोजनाओं में जलाशय भंडारण क्षमता बढ़ाना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, पिछले सप्ताह राष्ट्रीय जलविद्युत निगम द्वारा सलाल बांध और बगलिहार बांध परियोजनाओं में जलाशय फ्लशिंग यानी तलछट को हटाने का कार्य किया गया।
भारत सरकार की तरफ से क्षेत्र में रुकी हुई 6 परियोजनाओं के निर्माण में भी तेजी लाने की उम्मीद है। जिसमें सावलकोट में 1,856 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना, किरथाई और सुविधाएं जो संयुक्त रूप से 1,320 मेगावाट बिजली पैदा करेंगी।
पाकलदुल में 1000 मेगावाट की सुविधा, तथा तीन अन्य परियोजनाएं जो कुल मिलाकर 2,224 मेगावाट बिजली पैदा करेंगी।
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जानकारी के मुताबिक, इन छह परियोजनाओं के पूरा होने पर जम्मू कश्मीर में 10,000 मेगावाट तक बिजली पैदा हो सकेगी और मैदानी इलाकों में सिंचाई और घरेलू खपत के लिए अधिक पानी उपलब्ध हो सकेगा।
अगर सिंधु जल संधि अभी भी लागू होती, तो भारत को निर्माण शुरू करने से पहले पाकिस्तान को 6 महीने का नोटिस देना पड़ता। ऐसे में इस्लामाबाद परियोजनाओं में देरी या उन्हें रद्द करने के लिए कई कानूनी चुनौतियां पेश करता।
जलाशयों की सफाई इसी कारण से महत्वपूर्ण थी। भारत 1987 और 2009 में इनका निर्माण के बाद से इन्हें साफ नहीं कर पाया था। क्योंकि सिंधु जल संधि द्वारा इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
फ्लशिंग प्रेक्टिस को अंजाम देने में सक्षम होने से अधिक कुशल बिजली उत्पादन में मदद मिलेगी और टर्बाइनों को नुकसान से बचाया जा सकेगा। यह बताया गया है कि 690 मेगावाट सलाल और 900 मेगावाट बगलिहार संयंत्र अपनी क्षमता से काफी कम पर काम कर रहे थे।
06 परियोजनाओं पर निर्माण शुरू करने के संबंध में इसी हफ्ते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल, ऊर्जा मंत्री एमएल खट्टर, कृषि मंत्री शिवराज चौहान और प्रत्येक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक बड़ी बैठक होने की संभावना है।
अमित शाह और पाटिल और उनके मंत्रालय के अधिकारियों के बीच दो बैठके पहले ही हो चुकी हैं। जिसमें चेनाब और झेलम नदियों पर नई परियोजना शुरू करने और वुलर झील को पूर्ण जीवित करने समेत अन्य संभावित गतिविधियों पर चर्चा की गई है।
सिंधु जल संधि पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता हैं। यह सिंधु नदी और इसकी पांच प्रमुख सहायक नदियों का भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारा करता है। इससे पाकिस्तान को लगभग 80% पानी मिलता है।
संधि को निलंबित करने के बाद से इस बात पर चर्चा हो रही है कि भारत किस प्रकार पाकिस्तान को जल का प्रवाह प्रभावी रूप से रोक सकता है, ताकि सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनें।
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