सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में तोड़फोड़ पर अब सख्त कार्रवाई, दोषियों से वसूला जाएगा जुर्माना
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2011 के तहत भागलपुर में अस्पतालों को मिलेगी कानूनी सुरक्षा, प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी
- सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में तोड़फोड़ पर अब सख्त कार्रवाई, दोषियों से वसूला जाएगा जुर्माना
- मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2011 के तहत भागलपुर में अस्पतालों को मिलेगी कानूनी सुरक्षा, प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी
रिपोर्ट: अमित कुमार : भागलपुर। मरीज की मौत या असंतोष के बाद अस्पतालों में होने वाली तोड़फोड़ और हिंसा अब नहीं सहेगी सरकार। मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2011 के तहत भागलपुर जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे मामलों में कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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अस्पताल अधीक्षक डॉ. अविलेश कुमार और डॉ. हेमशंकर शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि हाल के दिनों में अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं। डॉ. अविलेश कुमार ने स्पष्ट किया, कि “अब कोई भी व्यक्ति अस्पताल परिसर में हिंसा या संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा और उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह अस्पताल गंभीर मरीजों का इलाज करता है और डॉक्टर हर संभव प्रयास करते हैं मरीज को बचाने का।”
वहीं, डॉ. हेमशंकर शर्मा ने कहा,”इलाज के बावजूद यदि कोई मरीज नहीं बचता, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होता है, लेकिन गुस्से में आकर की गई तोड़फोड़ अस्पताल के बाकी मरीजों के लिए भी नुकसानदेह होती है।”
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पताल की संपत्ति सार्वजनिक है, और उसे नुकसान पहुंचाने का मतलब समाज को नुकसान पहुंचाना है।
“तोड़फोड़ से न केवल अस्पताल की संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि अन्य मरीजों के इलाज में भी बाधा आती है। अब ऐसे मामलों में कोई ढील नहीं दी जाएगी।”
— डॉ. हेमशंकर शर्मा, JLNMCH
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