आंध्र प्रदेश में हाथियों का आतंक जारी, अब तक 11 की गई जान
6 साल पहले एक झुंड कोमरदा में घुस आया और वहीं रुक गया। कुरूपम विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे आठ हाथियों में से चार की मौत हो गई और एक अलग हो गया। इसका तब से कोई पता नहीं चला। इस बीच चार बच्चों के जन्म ने झुंड की ताकत बढ़ा दी। वर्तमान में हाथी एक साथ घूमते हैं जो स्थानीय लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं।
आंध्र प्रदेश में हाथियों का आतंक जारी, अब तक 11 की गई जान
रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : पार्वतीपुरम : आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश के मन्यम जिले में हाथियों का आतंक जारी है। इससे स्थानीय लोगों को अपने गांवों पर हाथियों के हमले का डर सता रहा है। हालांकि, अधिकारियों ने पहले हाथियों को ओडिशा वापस खदेड़ने के लिए ऑपरेशन गजा शुरू किया था। लेकिन एक हाथी की मौत के बाद ऑपरेशन को बीच में ही रोक दिया गया। यहां तक के एक झुंड को विशाखापट्टनम चिड़ियाघर में स्थानांतरित करने की योजना भी कई कारणों से छोड़ दी गई।
लंबे समय से चली आ रही समस्या
हाथी पहली बार 1998 में कुरूपम वन क्षेत्र में घुसे थे। हालांकि, वे 1999, 2007 और 2008 में वापस लौटे और अक्सर कुरुपम, गम्मालक्ष्मीपुरम, जियाम्मावलासा, सीतामपेटा, और वीरघट्ट्म के आसपास घूमते रहे और रास्ते में फसलों को नुकसान पहुंचाया।
6 साल पहले एक झुंड कोमरदा मंडल में घुस आया और वहीं रुक गया कुरूपम विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे 8 हाथियों में से चार की मौत हो गई और एक अलग हो गया। इसका तब से कोई पता नहीं चला। इस बीच, चार बच्चों के जन्म ने झुंड की ताकत बढ़ा दी।
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वर्तमान में हाथी एक साथ घूमते हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। अब तक हाथियों के हमले में 11 लोगों की जान जा चुकी है।
फसलों को भारी नुकसान
दिसंबर 2024, तक हाथियों ने 3305 एकड़ में फैली फसलों को नष्ट कर दिया था। 2025 में 630 एकड़ और फैसले नष्ट हो गई। अधिकारियों ने अब तक तीन-तीन करोड़ रुपए का मुआवजा दिया है। सलूरू और कुरूपम की सीमा में जंथिकोंडा और जेके पांडु मैं विशेष हाथी क्षेत्र बनाने की योजना तैयार की गई थी। इसके ले लगभग 1,209 एकड़ भूमि की पहचान की गई है। लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
वन अधिकारी जीएपी पर प्रसूना ने बताया कि हाथियों के लिए एक विशेष क्षेत्र के चारों ओर गड्ढे खोदे जा रहे हैं। सीतानगरम मंडल के गुचिमी में 1,100 एकड़ को गड्ढे को खोदने का काम चल रहा है। हालांकि, कुछ स्थानीय लोग काम में बाधा डाल रहे हैं।
उन्होंने कहाह म इन बाधाओं को दूर करेंगे,हाथियों की रक्षा करेंगे,लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
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