पहलगाम तक भर चुका था पाप का घड़ा: ऑपरेशन सिंदूर पर सेना का निर्णायक संदेश
भारतीय सेना की बड़ी प्रेस वार्ता में तीनों सेनाओं ने दी ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी, दुश्मनों को मिली कड़ी चेतावनी
अनिल बाजपेई (C.E.O & Group Editor)
Operation Sindoor : नई दिल्ली। भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक तैयारियों का एक और मजबूत उदाहरण सामने आया है। सोमवार, 12 मई को भारतीय सेना ने लगातार दूसरे दिन ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस वार्ता में थल, जल और वायु—तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया और बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन के तहत भारत ने किस तरह से हवाई, समुद्री और ज़मीनी मोर्चे पर एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई की है। खास बात यह रही कि इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने न केवल अपने क्षेत्रीय सीमाओं की सुरक्षा को बनाए रखा, बल्कि दुश्मनों को उनके ही इलाके में सबक सिखाया।
यह भी पढ़ें : पंजाब के स्कूल कॉलेज 12 मई से खुलेंगे, भारत-पाक सीजफायर के बाद सरकार के आदेश
🛡️तीनों सेनाओं का साझा संदेश: भारत तैयार है और जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा

वायुसेना – एयर मार्शल ए.के. भारती का बयान: भारतीय वायुसेना की तैयारियों को अभेद्य बताते हुए एयर मार्शल भारती ने कहा कि ड्रोन और मिसाइल जैसे आधुनिक हथियारों के खिलाफ भारत का सुरक्षा कवच पूरी तरह सक्षम और एक्टिव है। स्वदेशी सॉफ्ट और हार्ड किल एंटी-यूएवी सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और यूएवी को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया। साथ ही, चीन निर्मित पीएल-15 मिसाइलों को भी सफलतापूर्वक चकमा दिया गया।
उन्होंने जोर देते हुए कहा—”हमारे सभी एयरबेस पूरी तरह एक्टिव हैं। हमारी वायु रक्षा प्रणाली किसी भी खतरे को जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।”
थलसेना – लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का बयान: सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का स्वरूप बदल गया है। अब आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। 2024 के पहलगाम और शिवखोरी जैसे हमलों ने यह साफ कर दिया कि यह सहनशीलता की सीमा पार कर चुके थे। उनके शब्दों में: “पहलगाम तक पाप का यह घड़ा भर चुका था। अब जवाब देना जरूरी था।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने न तो एलओसी पार किया और न ही अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघी। भारत की कार्रवाई पूरी तरह अपने इलाके में रहते हुए की गई। उन्होंने यह भी कहा—”हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक्स को निशाना बनाना दुश्मनों के लिए लगभग असंभव है।”
नौसेना – वाइस एडमिरल एएन प्रमोद का बयान: नौसेना की ओर से वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया कि समुद्री क्षेत्रों में भारतीय नौसेना ने लगातार निगरानी की और हर खतरे को समय रहते पहचान कर कार्रवाई की। मिग-29K और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग फाइटर्स से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर्स ने किसी भी दुश्मन के विमान को भारतीय जलसीमा के पास नहीं आने दिया। उन्होंने कहा—”हमारे पास ऐसा तंत्र है कि कोई भी शत्रु विमान हमारे बेड़े के पास फटक भी नहीं सकता।”
⚔️ ऑपरेशन सिंदूर की खास बातें

- 9-10 मई को बहुस्तरीय वायु रक्षा ग्रिड के जरिए ड्रोन हमलों को रोका गया।
- पाकिस्तान वायुसेना के ड्रोन सुरक्षा कवच को भेदने में नाकाम रहे।
- ‘राख से राख, धूल से धूल’ का उदाहरण देते हुए यह बताया गया कि कोई भी ड्रोन हमारी रक्षा परतों को पार नहीं कर सकता।
- बीएसएफ की भूमिका को सराहा गया—हर जवान से लेकर अधिकारी तक ने उल्लेखनीय कार्य किया।
- नौसेना की सतत निगरानी और तकनीकी श्रेष्ठता ने मकरान तट से आने वाले किसी भी खतरे को निष्क्रिय किया।
📜 रामचरितमानस का लिया संदर्भ
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस से उद्धरण देते हुए कहा—”विनय ना मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीति। बोलें राम सकोप तब भय बिनु होय न प्रीति॥”अर्थात्, जब शांति की भाषा काम न आए, तो कभी-कभी डर दिखाना जरूरी होता है।
गौरतलब हो कि सेना की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस न सिर्फ पारदर्शिता का प्रतीक थी, बल्कि यह भारत के आत्मविश्वास और रणनीतिक कौशल की एक बड़ी मिसाल भी बनी। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह साफ हो गया है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं करता—वो तय करता है कि कब और कैसे जवाब देना है।
यह भी पढ़ें : मानसिक तनाव में रिटायर्ड कर्मचारी ने खुद को मारी गोली, मौके पर ही मौत
यह भी पढ़ें : पंजाब के स्कूल कॉलेज 12 मई से खुलेंगे, भारत-पाक सीजफायर के बाद सरकार के आदेश