- “नीतीश जी के मुंह बिचकने का कारण दाँत का ऑपरेशन” — जेडीयू MLA गोपाल मंडल बोले, “निशांत को पार्टी की कमान दें वरना जेडीयू बिखर जाएगी”
- भागलपुर में विधायक गोपाल मंडल ने चुनाव आयोग के फैसलों पर भी जताई आशंका, कहा– ग्रामीण मतदाता असमंजस में
रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर। भागलपुर में जेडीयू के फायरब्रांड विधायक नरेंद्र नीरज उर्फ़ गोपाल मंडल ने एक बार फिर अपनी बेबाक टिप्पणी से सियासी हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लगातार “मुंह बिचकने” पर चुटकी लेते हुए दावा किया कि इसकी असल वजह दाँत का हाल ही में हुआ ऑपरेशन है। साथ ही, उन्होंने नीतीश कुमार के बेटे निशांत को जेडीयू की “मुख्य कमान” सौंपने की खुली सलाह दे डाली, वरना पार्टी टूटने की चेतावनी भी दे दी।
दाँत के ऑपरेशन का “साइड इफ़ेक्ट”

गोपालपुर के इस जेडीयू विधायक ने कहा, “नीतीश जी के दाँत का ऑपरेशन हुआ था, उसी के बाद उनके मुंह में दिक्कत आई होगी—तभी उनका मुंह बिचकने लगता है।” उनका यह बयान न सिर्फ़ पार्टी दफ़्तर में बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया।
“निशांत को आगे लाइए, वरना आधे इधर–आधे उधर बिखर जाएगी पार्टी”
मंडल ने दो टूक कहा, “अगर निशांत जेडीयू की फ्रंट लाइन में नहीं आए, तो पार्टी आधी इधर–आधी उधर चली जाएगी और जेडीयू की मिट्टी पलीद हो जाएगी।” उन्होंने ज़ोर देकर यह भी जोड़ा, “निशांत कोई ‘गांजा पीने’ वाले नहीं, बल्कि पढ़े-लिखे इंजीनियर ग्रेजुएट हैं।”
चुनाव आयोग के फ़ैसलों पर ‘बड़ी आशंका’
बिहार के आगामी राजनीतिक परिदृश्य पर बात करते हुए गोपाल मंडल ने चुनाव आयोग के हालिया फ़ैसलों पर सवाल उठाए। उनका दावा है, “हम गाँव‑गाँव बूथ‑लेवल बैठकें करते हैं, पर वोटर असमंजस में है। चुनाव आयोग क्या नई व्यवस्था लाएगा, ये साफ़ नहीं है।”
पार्टी में बढ़ेगा अंदरूनी दबाव?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गोपाल मंडल के बयान से पार्टी के आला नेतृत्व पर दबाव बढ़ सकता है। क्या निशांत वास्तव में सक्रिय राजनीति में आगे आएँगे या यह बयान भी मंडल की तीखी बयानबाज़ी भर रह जाएगा—यह आने वाला समय बताएगा।
गोपाल मंडल की “बेबाक़ी” जेडीयू के भीतर नई बहस छेड़ सकती है। एक तरफ़ वे नीतीश कुमार की सेहत को लेकर व्यंग्य करते दिखे, तो दूसरी तरफ़ चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं पर संदेह जताकर सियासी तापमान बढ़ा दिया। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि जेडीयू नेतृत्व क्या प्रतिक्रिया देता है और निशांत कुमार क्या कदम उठाते हैं।