उपभोक्ता हो गए परेशान, बिजली विभाग में नहीं है कनेक्शन से संबंधित सामान।
उपभोक्ता नए कनेक्शन हेतु अधिकारियों की जेब गर्म करता है तो ठीक नहीं तो बिना एस्टीमेट के नाम पर उपभोक्ता के हाथ में हज़ारों रुपए का फर्रा पकड़ा दिया जाता है। बात यही नहीं रुकती, आपको बता दें कि पश्चिमांचल विद्युत विभाग आज इतने घाटे में चल रहा है कि उपभोक्ताओं के एस्टीमेट जमा करवाने के बावजूद भी उपभोक्ता के कनेक्शन में इस्तेमाल होने वाले वस्तुएं स्टोर में उपलब्ध नहीं है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV 9 भारत समाचार सहारनपुर ।
सामान की कमी बता कर महीनों से चक्कर कटवा रहा हैं, विभाग।
जहां एक ओर डबल इंजन की सरकार हर घर रोशनी पहुंचाने का कार्य कर रही है। वहीं, सरकार के मंसूबों पर पानी फेरते दिखाई पड़ रहा है। सहारनपुर विद्युत विभाग, आपको बता दें कि यदि किसी उपभोक्ताओं के घर का बिल चंद हज़ार रुपए भी होता है तो बिजली विभाग की पूरी टीम उपभोक्ता के घर लाइन काटने पहुंच जाते हैं। यदि गलती से किसी उपभोक्ता को नया कनेक्शन अप्लाई करवाना हो तो उसको लोहे के चने चबाने पड़ते हैं।
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आपको बता दें कि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आज कल विभाग द्वारा नया फंडा अपनाया हुआ है। यदि उपभोक्ता नए कनेक्शन हेतु अधिकारियों की जेब गर्म करता है तो ठीक नहीं तो, एस्टीमेट के नाम पर उपभोक्ताओं के हाथों में हजारों रुपए का फर्रा पकड़ा दिया जाता है।
बात यही नहीं रुकती, आपको बता दें कि पश्चिमांचल विद्युत विभाग आज इतने घाटे में चल रहा है कि उपभोक्ताओं के एस्टीमेट जमा करवाने के बावजूद भी उपभोक्ता के कनेक्शन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं स्टोर में नहीं होती है।
इसके बाद उपभोक्ता द्वारा लाखों रुपए का भुगतान करने के बावजूद भी उपभोक्ताओं को खाली हाथ बैठना पड़ता है।
अब ऐसे में देखना यह है कि आख़िर कब तक विभाग अपनी कंगाली के ढोल पीटता रहेगा?
आख़िर विभाग के स्टोर में सामान की कमी का ज़िम्मेदार कौन हैं?
आख़िर कब तक उपभोक्ताओं के साथ खेला जाएंगा, मीटर गुल बत्ती चालू का खेल?
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