जरवल नगर पंचायत बोर्ड मीटिंग में हंगामा, ईओ बोलीं, “मेरे रहते न बैठक होगी, न काम”
सभासदों ने कोरम पूरा होने के बाद भी बैठक रद्द होने पर जताया आक्रोश, उच्च अफसरों से करेंगे शिकायत
- जरवल नगर पंचायत बोर्ड मीटिंग में हंगामा, ईओ बोलीं, “मेरे रहते न बैठक होगी, न काम”
- सभासदों ने कोरम पूरा होने के बाद भी बैठक रद्द होने पर जताया आक्रोश, उच्च अफसरों से करेंगे शिकायत
रिपोर्ट : अशोक सोनी : कैसरगंज : बहराइच। नगर पंचायत जरवल की बोर्ड बैठक सोमवार को उस समय हंगामे में बदल गई, जब अधिशासी अधिकारी (ईओ) खुशबू यादव और सभासदों के बीच तीखी बहस हो गई। सभी 13 सभासद बैठक में मौजूद थे और कई ने नए निर्माण प्रस्ताव भी पेश किए, लेकिन ईओ ने साफ कह दिया—“अगले डेढ़ साल तक कोई निर्माण कार्य नहीं होगा।”
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स्थिति तब और बिगड़ गई, जब ईओ ने घोषणा कर दी कि “जब तक मैं पद पर हूं, न बोर्ड बैठक होगी, न कार्यवृत्त पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे।” कार्यवाही रजिस्टर में लेखा लिपिक मोहम्मद शरीफ़ से यह लिखवा दिया गया कि “चेयरमैन व सभासदों की सहमति न बन पाने के कारण बैठक निरस्त की जाती है।”
सभासद सीमा बानो, मोहम्मद रफी, रईस अहमद, अब्दुल वाहिद, मोहम्मद कैफ़, पवन श्रीवास्तव, राहुल जायसवाल, रिहान महताब, आसमा बेगम, शमशेर खान, परवीन नाजमा व बिट्टो का आरोप है कि ईओ और चेयरमैन तस्लीम बानो बोर्ड की कार्यवाही मनमाने ढंग से चला रहे हैं। सभी ने इसे “लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों का अपमान” बताया और कहा कि वे इस मुद्दे को जिलाधिकारी व निदेशक, स्थानीय निकाय तक ले जाएंगे।
अधिकारियों का हस्तक्षेप क्यों जरूरी?
- कोरम पूरा होने के बाद भी बैठक रद्द—कानूनी सवाल।
- निर्माण कार्य रोकने की घोषणा—विकास कार्य ठप होने का खतरा।
- सूचना न देने और कार्यवृत्त पर रोक—उपचारात्मक आदेश की अवहेलना?
अधिकारियों का कहना है कि शिकायत मिलने पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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