उत्तराखंड और राजस्थान के चार पर्वतरोहियों ने फतह किया बाली पास दर्रा

उच्च हिमालय क्षेत्र में कई दुर्गम ट्रैक कर चुके नवीन जोंटी सजवाण ने बताया कि जून 2023 में भी वह वाली पास अभियान के लिए गए थे। लेकिन लगातार खराब मौसम के कारण निराश होकर उनको रुइनसारा झील से वापस आना पड़ा था।

उत्तराखंड और राजस्थान के चार पर्वतारोहियों ने फतह किया बाली पास दर्रा 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : रुद्रप्रयाग , उत्तराखंड ।

दुनिया के सबसे ऊंचे और कठिन ट्रैक में शामिल बाली पास दर्रा को चार सदस्यीय दल ने सफलतापूर्वक पार कर लिया है।

दल ने मात्र चार दिनों में यह अभियान पूर्ण किया। शिक्षक नवीन जोंटी सजवाण ने बताया कि उनका दल उत्तरकाशी के गंगाड़ गांव से देवसू बुग्याल, रूइनसारा, उड्यारी, यमुनोत्री धाम होकर सकुशल जानकी चट्टी पहुंच गया।

अभियान में शामिल रुद्रप्रयाग बसुकेदार के नवीन जोंटी सजवाण ने बीतें 29 मई की सुबह बेस कैंप से मात्र 45 मिनट में बाली पास दर्रा को सफलतापूर्वक पार किया।

दल के अन्य सदस्य मुकेश मंजुल शर्मा ने मात्र 55 मिनट में पास को पार किया।

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उच्च हिमालय क्षेत्र में कहीं दुर्गम ट्रैक कर चुके नवीन जोंटी सजवाण ने बताया कि जून 2023 में भी वह बाली पास अभियान के लिए गए थे, लेकिन लगातार खराब मौसम के कारण निराश होकर उनको रुइनसारा झील से वापस आना पड़ा था।

इस बार भी अभियान दल को बेंस कैंप में लगातार तूफान और बर्फबारी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि कठिन साहसिक यात्रा के साथ ही यह उनकी धार्मिक यात्रा भी रहीं। कठिन परिस्थितियों के बावजूद बाली पास दर्रा को पार करते हुए वह यमुनोत्री धाम होकर जानकी चट्टी पहुंचने में सफल रहें।

नवीन जोंटी सजवाण ने बताया कि लगातार बर्फबारी के बावजूद लगभग 8 दिनों के किस अभियान को उनके दल ने मात्र चार दिनों में पूरा किया हैं।

इस दल में जय हिमालयी क्षेत्र में पर्वतारोहण व ट्रेकिंग के शौकीन रुद्रप्रयाग जनपद के बसुकेदार निवासी,

नवीन जोंटी सजवाण,

ऋषिकेश के मुकेश मंजुल शर्मा,

जयपुर के दिलीप नाजकानी,

विजय ठाकुर शामिल हैं।

उत्तरकाशी जिले में स्थित 16200 फिट पर मौजूद यह बाली पास ट्रैक हर की दून घाटी को यमुनोत्री धाम से जोड़ता है।

लगभग 60 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक में रोमांच से भरपूर खतरनाक ग्लेशियर और बाली पास दर्रा को पार करना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण और जोख़िम भरा माना जाता है।

हिमालय की कंदराओं, खतरनाक चट्टानों और ग्लेशियर के ऊपर से गुजरने वाले इस ट्रैक पर साहसिक और रोमांच के शौकीन ट्रैकर –

काला नाग,

बंदर पूंछ,

स्वर्गारोहिणी की सुंदर बर्फीली चोटियों,

सुंदर देवसु बुग्याल,

रूइनसारा झील,

थांगा बुग्याल के दीदार करते हुए यमुनोत्री धाम होते हुए जानकी चट्टी पहुंचते हैं।

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