विनय शंकर तिवारी को हाई कोर्ट से मिली जमानत, एक ही मामले में दो बार कार्यवाही पर ईडी को लगी फटकार
वकील ने बताया है कि एक बार जमानत मिलने के बाद दोबारा ईडी ने विनय शंकर तिवारी के ख़िलाफ़ कार्यवाही कर दी थी। ऐसे में एक ही मामले में दो बार कार्यवाही नहीं हो सकती है।
विनय शंकर तिवारी को हाई कोर्ट से मिली जमानत , एक ही मामले में दो बार कार्यवाही पर ईडी को लगी फटकार
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : लखनऊ , उत्तर प्रदेश।
बैंक से मिले लोन के पैसे का दुरुपयोग करने पर ईडी ने विनय शंकर तिवारी को जेल भेजा था।
इस मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से विनय शंकर तिवारी को जमानत मिल गई।
विनय शंकर तिवारी के अधिवक्ता मधुसूदन तिवारी ने बताया कि जिस मामले में ईडी ने विनय शंकर को जेल भेजा था, इस मामले में सीबीआई पहले की कार्यवाही कर चुकी है।
सीबीआई की कार्यवाही के बाद विनय शंकर तिवारी को कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
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CBI के बाद ED ने भी उसी मामले
पर कर दी कार्यवाही
वकील ने बताया है कि एक बार जमानत मिलने के बाद दोबारा ईडी ने विनय शंकर तिवारी के ख़िलाफ़ कार्यवाही कर दी थी।
ऐसे में एक ही मामले में दो बार कार्यवाही नहीं हो सकती है। इसी को आधार मानते हुए विनय शंकर तिवारी को जमानत दे दी।
कोर्ट ने कहा कि दोबारा जेल भेजने की क्या जरूरत थी?
मधुसूदन तिवारी ने बताया कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान, ईडी के द्वारा की गई कार्यवाही पर फटकार भी लगाई।
कोर्ट ने कहा कि जब पहले ही विनय शंकर तिवारी को सीबीआई ने जेल भेजा था। विनय शंकर जमानत पर बाहर थे, तो फिर ईडी को फिर से जेल भेजने की जरूरत थी।
विनय शंकर समय से नहीं चुका पाए थे लोन
विनय शंकर तिवारी ने अपनी जमीन गिरवी रखकर बैंक से लोन लिया था। इस पैसे का उपयोग उन्होंने सरकारी काम में किया था।
विनय शंकर समय पर लोन भी नहीं चुका पाए थे। इसकी वज़ह से बैंक से धोखाधड़ी में सीबीआई और ईडी ने उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही की थी।
अब जानिए कौन है विनय शंकर तिवारी?
विनय शंकर तिवारी गोरखपुर के चिल्लू पार से विधायक रह चुके हैं। साल 2017 में उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। इसके बाद वह सपा में शामिल हो गए थे।
ब्राह्मण वोटरों पर विनय शंकर का प्रभाव माना जाता है। उनके पिता हरिशंकर तिवारी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
उनका साल 2023 में निधन हो गया। वह बसपा, भाजपा, समाजवादी पार्टी की सरकारों में मंत्री रहे थे।
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